शिव सेना सांसद संजय राउत ने बेहद भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को अयोध्या में कहा कि बाबरी मसजिद ढहाने में 17 मिनट लगे तो राम मंदिर पर बिल लाने में भला कितना समय लगेगा। उन्होंने यह बयान अयोध्या में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम से सिर्फ़ दो दिन पहले दिया है। राउत ने कहा, 'हमने 17 मिनट में बाबरी मसजिद तोड़ दी तो कानून बनाने में कितना समय लगता है राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक भाजपा की सरकार है। राज्यसभा में ऐसे बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़ें रहेंगे जो विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल होगा।'
बीजेपी पर हमला
राउत का भड़काऊ बयान ठीक ऐसे समय आया है जब शिव सेना ख़ुद अयोध्या में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। एक दिन बाद ही पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे विशेष ट्रेन में कार्यकर्ताओं को भर कर अयोध्या पहुँचने वाले हैं। वे मुंबई से कूच कर चुके हैं। दरअसल, शिव सेना राम मंदिर पर क़ानून बनाने के लिए मोदी सरकार को चुनौती दे रही है। वह यह संकेत भी दे रही है कि बिल पेश हुआ तो दूसरे दलों के सांसद हिन्दुओं के दबाव में ही सही, उसका समर्थन करेंगे। पर सरकार पहले बिल लाए तो सही। राउत के कहने का मर्म यह है कि मोदी सरकार बिल लाना नहीं चाहती, सिर्फ़ दिखावा कर रही है और इसकी वजह राजनीतिक है।दरअसल शिव सेना की रणीनीति यह है कि वह अपने आप को बीजेपी से बड़ा राम मंदिर पैरोकार साबित कर दे। इसके साथ ही वह यह भी साबित करना चाहती है कि सत्ताधारी दल को राम मंदिर बनाना नहीं है, वह सिर्फ इस पर राजनीति कर रही है।
राउत ने शिव सेना मुखपत्र सामना में छपे एक लेख में लिखा है, 'हमारे अयोध्या जाने की घोषणा करते ही खुद को हिंदुत्ववादी कहलाने वालों के पेट में मरोड़ क्यों उठने लगी शिवसेना महाराष्ट्र तथा देशभर से अयोध्या पहुंच रही है तो वह राजनीति करने के लिए नहीं।'
किसके पेट में मरोड़
राउत ने किसी का नाम नहीं लिया, पर हिंन्दुत्व ताक़त कौन है और किसके पेट में मरोड़ उठने की बात वे कह रहे हैं, यह एकदम साफ़ है। वे बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। पर राउत का यह हमला छुपा हुआ नहीं है। वे इससे एक क़दम आगे बढ़ कर बहुत ही तल्ख़ लहजे में कहते हैं कि बीजेपी राम के नाम पर वोट की भीख माँगती है, लेकिन शिव सेना ऐसा नहीं करती है। वह जुमलेबाज़ी नहीं करती। इसके साथ ही उन्होने इसे महाराष्ट्र के नायक शिवाजी से भी जोड़ दिया।
शिव सेना सांसद लिखते हैं, 'राम के नाम पर वोटों का कटोरा लेकर दर-दर घूमें तथा चुनाव का मौसम आते ही सभा-सम्मेलन से जय श्रीराम के नारें दे। ऐसी जुमलेबाजी हमारे खून में नहीं। हमारी धमनियों में शिवाजी महाराज के हिंदुत्व का रक्त है।'