राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर लगभग 50 मिनट तक बातचीत की है।
प्रधानमंत्री के साथ विपक्ष के इस कद्दावर नेता की मुलाक़ात से कई तरह के सियासी कयास लगाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस मुलाक़ात की जानकारी दी है।
सियासी समीकरण?
यह बैठक ऐसे समय हुई जब कुछ दिन पहले ही पवार ने केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के गठन पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़े नियम बनाए हैं और ऐसे में केंद्र को यह हक़ नहीं है कि वह उस विधानसभा के कामकाज में हस्तक्षेप करे।यह भी महत्वपूर्ण बात है कि इस बैठक के पहले से ही महाराष्ट्र में साझी सरकार चला रही शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच अनबन चल रही है और दोनों पार्टियाँ एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयान दे रही हैं।
शरद पवार और प्रधानमंत्री की इस बैठक के दो दिन बाद ही संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है।
मोदी को चिट्ठी
यह भी महत्वपूर्ण बात है कि इस बैठक के पहले से ही महाराष्ट्र में साझी सरकार चला रही शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच अनबन चल रही है और दोनों पार्टियाँ एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयान दे रही हैं।
एनसीपी के तीन नेताओं पर कई तरह के आरोप हैं और उन पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। इसके अलावा महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों के कथित घोटालों का भी मामला है, जिसकी जाँच चल रही है।
दूसरी ओर शरद पवार ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी भी सौंपी हैं।
कुछ दिन पहले मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शरद पवार से मुलाक़ात की थी। उन्होंने उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की थी। इन दोनों मुलाक़ातों से यह कयास लगाया जाने लगा था कि 2024 के आम चुनावों के पहले किसी तरह की राजनीतिक समीकरण तैयार करने की कोशिश की जा रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी दिल्ली आकर विपक्ष के कई नेताओं से मुलाक़ात करने वाली हैं। वे शरद पवार से भी मिलने वाली हैं। इसे तीसरे मोर्चे की संभावना के तौर पर देखा जा रहा था। ममता बनर्जी इसके पहले भी शरद पवार समेत विपक्ष के कई नेताओं को चिट्ठी लिख चुकी हैं।