पाकिस्तान के ननकाना साहिब में स्थित गुरुद्वारे के बाहर स्थानीय लोगों द्वारा हमला करने और नारेबाज़ी की ख़बरों के बाद दुनिया भर के सिख समुदाय में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर सिखों ने गुरुद्वारे पर हमला करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की माँग की है। शुक्रवार रात को यह घटना तब हुई जब कुछ लोगों की भीड़ गुरुद्वारे के बाहर पहुंची। ख़बरों के मुताबिक़, इस भीड़ का नेतृत्व करने वाले युवक ने पिछले साल एक सिख लड़की से शादी की थी। तब इस तरह की ख़बरें आई थीं कि लड़की का अपहरण कर लिया गया था और उसे जबरन निकाह के लिए मजबूर किया गया था।
ख़बरों के मुताबिक़, भीड़ में शामिल लोगों ने गुरुद्वारे पर पत्थर फेंके और इस युवक ने इस स्थान पर मसजिद बनाने की बात कही। भारतीय मीडिया में आई ख़बरों में कहा गया कि स्थानीय लोगों की भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ का नेतृत्व करने वाला युवक कह रहा है कि ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफ़ा रखा जाए। इस युवक के साथ बड़ी संख्या में भीड़ भी मौजूद है और वह नारेबाज़ी कर रही है।
भारत में भी कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और इसे बेहद शर्मनाक स्थिति बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ननकाना साहिब पर हुआ हमला निंदनीय है। कट्टरता ख़तरनाक है और इस ज़हर की कोई सीमा नहीं है।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और ग़ुलाम नबी आज़ाद ने भी इस घटना को शर्मनाक बताया औऱ पाकिस्तान सरकार से गुरुद्वारे की सुरक्षा करने की अपील की। थरूर ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को ऐसे उपद्रवियों पर अंकुश लगाना चाहिए। आज़ाद ने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो हम सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमला होना मानवता के लिए शर्मनाक है और पाकिस्तान की सरकार ही इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न सच्चाई है और ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले की घटना ने इसका भयावह चेहरा दिखाया है।
हरसिमरत कौर बादल ने नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने के लिए कांग्रेस और पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पहले नाबालिग़ सिख लड़की का अपहरण किया गया, उसे शादी के लिए मजबूर किया गया और अब अपहरणकर्ता पीड़ित लड़की के परिवार और गुरुद्वारे पर हमला कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, यह सिखों के पवित्र स्थल पर हमले, पत्थरबाजी का उन्मादी कृत्य है। अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर किसी को और सबूत की ज़रूरत हो तो वह इसे देख ले।
भारत ने इस घटना के सामने आने के बाद शुक्रवार रात को तुरंत प्रतिक्रिया दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार इस कृत्य की निंदा करती है। हम पाकिस्तान की सरकार से इस मामले में तुरंत क़दम उठाने की माँग करते हैं। पाकिस्तान सरकार वहां रहने वाले सिखों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। जिन लोगों ने गुरुद्वारे की पवित्रता को भंग किया है और अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोगों पर हमला किया है, उनके ख़िलाफ़ तुरंत सख़्त एक्शन लिया जाए।’
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल ने ननकाना साहिब पर हमला होने की ख़बर सामने आने के बाद चिंता ज़ाहिर की। अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से अपील की कि वह गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए श्रद्धालुओं को भीड़ से बचाएं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत क़दम उठाने को कहा था।
लेकिन पाकिस्तान ने शुक्रवार देर रात को गुरुद्वारे पर हमले की ख़बरों का खंडन किया और कहा कि गुरुद्वारे में किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं हुई है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा, ‘ननकाना साहिब शहर में मुसलिम समुदाय के दो समूहों में झगड़ा हुआ था। चाय की दुकान पर यह झगड़ा हुआ था और जिला प्रशासन ने तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप किया और अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया।’
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुद्वारे की बाहर एक वीडियो क्लिप को शेयर किया है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से इसे लेकर तुरंत क़दम उठाने के लिए कहा है।