मानवाधिकार संगठनों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, पत्रकारों और नागरिक समाज के दूसरे लोगों ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के घर तोड़फोड़ और आगजनी की तीखी निंदा की है।
खुर्शीद की पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या' की वजह से नैनीताल स्थित उनके घर पर तोड़फोड़ की गई थी।
नागरिक समाज के लोगों ने एक बयान जारी किया है, जिस पर सौ से ज़्यादा लोगों ने दस्तख़त किए हैं। इस बयान में कहा गया है कि सलमान खुर्शीद की किताब में हिन्दुत्व की तुलना इसलामिक स्टेट जैसे जिहादी संगठनों से की गई है जो कुछ लोगों को नापसंद हो सकती है, पर इस आधार पर उनके घर पर हमले की इज़ाज़त नहीं दी जा सकती है। यह संविधान का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।
बयान में कहा गया है कि हिन्दू धर्म में किसी विचार को दबाया नहीं जाता है, दूसरे और विरोधी विचारों को पूरी छूट दी जाती है ताकि आपसी मेल-मिलाप और समन्वय हो सके। हिन्दू धर्म में सहिष्णुता के लिए पूरी जगह है। ऐसे में जो असहिष्णुता दिखाई जा रही है, वह हिन्दू धर्म का मूल स्वभाव नहीं है।
इस बयान पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य ए. सी. माइकल, 'सियासत' के संपादक अब्दुल हाफ़िज़ लखानी, इतिहासकार आदित्य मुखर्जी, पीपल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टीज के अरविंद अविनाश, सांसद मनोज कुमार झा, नर्मदा बचाओ आन्दोलन की मेधा पाटकर और कई दूसरे लोगों ने दस्तख़त किए हैं।