प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए एक साझा कोष गठित करने की सलाह दी है। उन्होंने इसके साथ ही भारत की ओर से इसके लिए एक करोड़ डॉलर देने का एलान करते हुए कहा कि इसमें सभी सार्क देश अपनी इच्छा से पैसे दें और इस कोष का इस्तेमाल सभी सार्क देश मिल कर करें।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर रविवार को दक्षिण एशिया संगठन यानी सार्क के सभी देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक टेली-कॉन्फ्रेंसिंग हुई। इस टेलीकॉन्फ्रेंसिंग में ही भारत ने कोष गठन करने का सुझाव दिया और इसके लिए शुरुआती रकम देने की घोषणा कर दी।
पहले यह समझा जा रहा था कि पाकिस्तान इसमें भाग नहीं लेगा, क्योंकि पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसमे दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। लेकिन रविवार के टेली कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री ज़फ़र मिर्ज़ा ने शिरकत की।
उन्होंने कहा कि कोई देश इस संक्रमण की अनदेखी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सार्क देशों को मिल कर इसके रोकथाम के लिए काम करना होगा।
बांग्लादेश
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वुहान से कुछ बांग्लादेशियों को निकालने के लिए मोदी का तारीफ की। उन्होंने कहा, 'वुहान से हमारे 23 छात्रों को निकालने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद।'श्रीलंका
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि इस वायरस को फैलने से रोकना हमारी बड़ी चुनौती है। श्रीलंका वापस आने वाले लोगों को 14 दिनों की निगरानी में रखा जा रहा है।अफ़ग़ानिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने कहा कि सभी सार्क देशों को मिल कर कोरोना वायरस से निपटने के लिए टेली-मेडिसिन की साझी सुविधाएँ विकसित करनी चाहिए।मालदीव
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम ने भारतीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि कोई देश इस वायरस से अकेले नहीं निपट सकता, इसमें सबकी मदद चाहिए। उन्होंने कहा, 'मालदीव भाग्यशाली है कि उसे भारत की सहायता मिली है, इसके लिए मैं पीएम मोदी और भारत के लोगों को शुभकामनाएँ देता हूँ, हमारे लिए दवाएँ और मेडिकल टीम भेजी गईं।'