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RSS ने योगी के नारे- बंटोगे तो कटोगे पर मुहर लगाई, मथुरा बैठक खत्म

RSS ने योगी के नारे- बंटोगे तो कटोगे पर मुहर लगाई, मथुरा बैठक खत्म

आरएसएस की मथुरा बैठक शनिवार 26 अक्टूबर को योगी आदित्यानाथ के नारे पर मुहर लगाने के साथ खत्म हो गई। बैठक खत्म होने के बाद आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने मीडिया को संबोधित किया और हिन्दुओं की एकता की वही बातें दोहराईं जो संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने विजय दशमीभाषण में कही थीं। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में संदेश देने के लिए भी इस बैठक के अवसर को पूरी तरह कैश किया गया। जानिये पूरी बातः

आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने मथुरा में आयोजित अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के समापन से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा “हिंदुओं को एकजुट रहना चाहिए। समाज में हिंदू एकता आवश्यक है। हिंदुओं को जाति और विचारधारा के आधार पर विभाजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और हमें इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। आरएसएस की कार्यकारी मंडल बैठक मथुरा के गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र फरह में आयोजित की गई।

पत्रकारों ने जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे बंटोगे तो कटोगे पर होसबले से पूछा तो उन्होंने कहा कि हमे उस नारे को अपने आचरण में लाना होगा। आरएसएस भी हिन्दुओं की एकजुटता की बात कह रहा है। यह हिन्दू एकता और जनकल्याण के लिए जरूरी है। आरएसएस का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्ष देश में जाति जनगणना की मांग कर रहा है। लेकिन आरएसएस और भाजपा जाति जनगणना के विरोध में होने के बावजूद खुलकर कुछ कह नहीं पा रहे हैं। इसलिए वे अब हिन्दू एकता की बातें कर रहे हैं और जातियों को बांटने का विरोध कर रहे हैं।

होसबले ने कहा- “अगर हिंदू समुदाय एकजुट नहीं रहेगा, तो वह विभाजित हो जाएगा। यदि हम जाति, भाषा और अन्य विभाजनों के आधार पर भेदभाव करेंगे तो हम विभाजित हो जायेंगे। इसलिए एकता जरूरी है। हिंदुओं की एकता लोक कल्याण के लिए है और इससे सभी को खुशी मिलेगी।”

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के संदर्भ में उन्होंने कहा, भारत सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को सहायता प्रदान की है। संघ ने इस बात पर भी जोर दिया है कि वहां का हिंदू समुदाय वहीं रहना चाहिए। उन्हें पलायन नहीं करना चाहिए। वहां एक शक्तिपीठ भी है और उस क्षेत्र ने हिंदू राष्ट्र के रूप में हमारे इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम चाहते हैं कि हिंदू वहां रहें, लेकिन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। वे 20 वर्षों से पीड़ित हैं और हिंदू स्वयंसेवक संघ उनका समर्थन करने के लिए है, और ऐसा करना जारी रखेगा।

उन्होंने बताया कि बैठक में समाज के हित के लिए 'पंच परिवर्तन' कार्यक्रम पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में सामाजिक परिवर्तन के लिए पांच प्रमुख बिंदु शामिल हैं: सामाजिक समरसता (सामाजिक सद्भाव), कुटुंब प्रबोधन (पारिवारिक ज्ञान), पर्यावरण, 'स्व' (आत्मनिर्भरता) पर आग्रह और नागरिकों के कर्तव्य। इन प्रथाओं का पालन न केवल स्वयंसेवकों को बल्कि उनके परिवारों को भी करना चाहिए, तभी हम दूसरों को उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

होसबले ने बताया कि “इस साल, देश भर में, हमारी शाखाओं में पिछले साल की तुलना में 3,626 की वृद्धि हुई है। वर्तमान में, 45,411 स्थानों पर 72,354 शाखाएं चल रही हैं। इस वर्ष 6,645 नई शाखाएं जोड़ी गई हैं। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष 'सप्ताहिक मिलन' की संख्या बढ़कर 29,084 हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3,147 अधिक है। महीने में एक बार आयोजित होने वाली 'मासिक संघ मंडलियाँ' अब बढ़कर कुल 11,382 हो गई हैं, जिसमें 750 की भी वृद्धि हुई है। इस प्रकार, अब हमारे पास 101,438 इकाइयाँ हैं। आरएसएस शताब्दी वर्ष के संदर्भ में यह हमारे लिए एक उपलब्धि है।”

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