फ़ेसबुक-बीजेपी हेट स्पीच को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले में जहां कांग्रेस और विपक्ष ने फ़ेसबुक पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं अब केंद्र सरकार की ओर से फ़ेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग को चिट्ठी लिखी गई है। यह चिट्ठी सूचना और प्रोद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखी है। प्रसाद ने चिट्ठी में आरोप लगाया है कि फ़ेसबुक के एम्प्लॉयी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों को गालियां देते हैं और यह बात रिकॉर्ड पर है।
प्रसाद ने कहा है कि ये लोग अभी भी फ़ेसबुक के भारत स्थित दफ़्तर में काम कर रहे हैं और अहम पदों पर बैठे हुए हैं।
यह विवाद तब शुरू हुआ था जब मशहूर अमेरिकी पत्रिका 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने एक ख़बर में दावा किया था कि फ़ेसबुक ने बीजेपी से जुड़े लोगों की नफ़रत फ़ैलाने वाली पोस्ट को नहीं हटाया। पत्रिका ने कहा था कि ऐसे कम से कम तीन मामले सामने आए हैं। इस ख़बर के सामने आने के बाद से ही भारत की सियासत में भूचाल आया हुआ है।
प्रसाद की यह चिट्ठी ऐसे वक्त में सामने आई है जब एक और ताज़ा ख़बर की वजह से भारत में फ़ेसबुक-बीजेपी के संबंधों को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है। ख़बर यह है कि सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी ने बीजेपी के कहने पर कुछ लोगों के फ़ेसबुक पेज को हटा दिया।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक ख़बर के अनुसार, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी में बीजेपी ने 44 फ़ेसबुक पेजों की शिकायत यह कह कर की थी कि उन पर पोस्ट 'अपेक्षित मानकों के ख़िलाफ़' हैं और 'तथ्यों से परे' हैं। इनमें से 14 पेजों को फ़ेसबुक ने हटा दिया था।
जिन पेजों को हटाया गया है, उनमें से 'भीम आर्मी', 'वी हेट बीजेपी', कांग्रेस का समर्थन करने वाले कुछ अनाधिकारिक और 'द ट्रुथ ऑफ़ गुजरात' नाम का पेज प्रमुख हैं।
आईटी मंत्री ने लिखा है कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बताया गया था कि फ़ेसबुक के भारतीय प्रबंधन ने दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों के न सिर्फ़ फ़ेसबुक पेज डिलीट कर दिए बल्कि उनकी रीच (पहुंच) भी कम कर दी थी।
कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रसाद ने उनके मुताबिक़ कुछ ‘विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स’ का हवाला देते हुए लिखा है कि फ़ेसबुक के भारतीय दफ़्तर में प्रबंध निदेशक से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारी एक विशेष राजनीतिक विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं। इस मसले पर काफ़ी मुखर रहे प्रसाद ने बिना कांग्रेस का नाम लिखे उसकी ओर निशाना साधते हुए कहा है कि इस राजनीतिक विचारधारा के लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में कई बार बुरी तरह हार चुके हैं।
फ़ेसबुक-वॉट्सऐप पर राहुल का हमला
दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने फ़ेसबुक और वॉट्सऐप के भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक भाईचारे पर किए गए हमले को पूरी तरह बेनक़ाब कर दिया है। राहुल ने कहा है कि किसी भी विदेशी कंपनी को हमारे देश के मामलों में दख़ल देने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस मामले की तुरंत जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर सजा दी जानी चाहिए।
राहुल गांधी ने फ़ेसबुक हेट स्पीच के मामले के सामने आने के बाद भी कहा था कि बीजेपी-आरएसएस भारत में फ़ेसबुक और वॉट्सएप को नियंत्रित करते हैं और झूठी ख़बरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं। इसके बाद कांग्रेस की ओर से मार्क ज़करबर्ग को एक चिट्ठी लिखकर भारतीय अधिकारियों की शिकायत की गई थी। पार्टी ने मांग की थी कि इस मामले की जांच पूरी होने तक इन अधिकारियों को हटा कर नई टीम बनाई जाए।
हालांकि विवाद बढ़ने पर फ़ेसबुक ने इस पर सफाई दी थी और कहा था कि वह ऐसी सामग्री जिससे ‘नफ़रत को बढ़ावा मिलता हो’ या ‘हिंसा को उकसावा मिलता हो’ उसे रोक देता है।