कोरोना: जयपुर के रामगंज में ‘भीलवाड़ा मॉडल’ को लागू करना गहलोत सरकार के लिये चुनौती

12:17 pm Apr 14, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग में कुछ दिन पहले देश भर में ‘भीलवाड़ा मॉडल’ की जोरदार चर्चा हुई थी। लेकिन राजस्थान सरकार को अब इस मॉडल को अपने ही राज्य के दूसरे हिस्से में लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह जगह है जयपुर का रामगंज इलाक़ा। जयपुर में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। 9 अप्रैल को जयपुर में वायरस से 168 लोग संक्रमित थे जबकि 13 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 370 हो गयी है। 

राजस्थान के कुल मामलों में 42 फ़ीसदी मामले जयपुर से ही हैं। जयपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरोत्तम शर्मा ने कहा कि जयपुर के कुल संक्रमित मामलों में से 285 रामगंज से हैं। पिछले पांच दिन में यहां वायरस से संक्रमित 2 लोगों की मौत हो चुकी है। 

राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि रामगंज बेहद सघन आबादी वाला इलाक़ा है और यहां पर सरकार को ‘भीलवाड़ा मॉडल’ को लागू करने में बहुत दिक्कत हो रही है। उनका कहना है कि इस इलाक़े में लोगों का पूरा सहयोग सरकार को नहीं मिल रहा है। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, शर्मा ने कहा, ‘रामगंज में एक ही बिल्डिंग में 10-15 परिवार रहते हैं। भीलवाड़ा में हमारी रणनीति इसलिये सफल रही थी क्योंकि हमें लोगों का पूरा सहयोग मिला था। हमने इस इलाक़े में सभी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है।’ 

‘भीलवाड़ा मॉडल’ के तहत राजस्थान सरकार ने पूरे ज़िले को सील कर दिया था। ज़िले में पहला मामला आने के दिन ही यानी 18 मार्च को घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू कर दिया गया था। इसके लिये 850 टीमें बनाई गईं थीं और कुल 20 लाख से ज़्यादा लोगों का सर्वे किया गया था। 

शर्मा कहते हैं, ‘हमने इस पूरे इलाक़े को 30 क्लस्टर में बांटा है। हम सभी क्लस्टरों में सैंपलिंग कर रहे हैं और संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों की भी पहचान की जा रही है। इसके अलावा सरकार इलाक़े में रैंडम सैंपल भी ले रही है और ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट करवा रही है।’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें डोर टू डोर जा रही हैं और अभी तक 4,047 लोगों के सैंपल लिये जा चुके हैं।