मेहुल चोकसी की क़र्ज़माफ़ी पर राहुल ने किया मोदी सरकार पर तीखा हमला

07:05 pm Apr 28, 2020 | - सत्य हिन्दी

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने फ़रार उद्योगपति मेहुल चोकसी का क़र्ज़ माफ़ किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जब उन्होंने संसद में कहा था कि 'देश के सबसे बड़े 50 बैंक चोरों के नाम उजागर किए जाएं, उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया था और अब रिज़र्व बैंक ने ही वह लिस्ट जारी कर दी है और उसमें मेहुल चोकसी भी हैं।' 

राहुल का ट्वीट

राहुल गाँधी ने ट्वीट किया, संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- 'मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया। अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं। इसीलिए संसद में इस सच को छुपाया गया।'

क्या है मामला

राहुल गाँधी ने सरकार पर यह हमला आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले के सवाल के जवाब में रिज़र्व बैंक के खुलासे के बाद किया है। साकेत गोखले ने एक ट्वीट कर राहुल गाँधी को बधाई दी और रिज़र्व बैंक का पूरी सूची ही उसके साथ लगा दी।

68,607 करोड़ के क़र्ज़ माफ़

कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि रिज़र्व बैंक ने 50 विलफुल डिफॉल्टरों के 68,607 करोड़ रुपए के क़र्ज़ माफ़ कर दिए। जिन लोगों के क़र्ज माफ़ किए गए हैं, उनमें मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या की कंपनियाँ भी शामिल हैं। 

'विलफुल डिफॉल्टर्स' की इस सूची में मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड सबसे ऊपर है, जिस पर 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी है।

इसके अलावा समूह की अन्य कंपनियाँ, गिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड हैं, जिन्होंने क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये के क़र्ज़ लिए थे। इन तीनों कंपनियों के नाम ऊपर लगी रिज़र्व बैंक की सूची में देखे जा सकते हैं। 

विजय माल्या

इस सूची में भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड भी शामिल हैं। उसकी कंपनी का 1,943 करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया है। 

रिज़र्व बैंक की सूची में भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम भी है। इस कंपनी ने 4,076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है। केंद्रीय जाँच ब्यूरो विभिन्न बैंकों के साथ धोखाधड़ी के लिए इसकी जाँच कर रही है।

नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने कार्यकाल में बड़े औद्योगिक घरानों के 5.50 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का क़र्ज़ माफ़ कर दिया।