राहुल गांधी की "शक्ति के खिलाफ लड़ाई" वाली टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कांग्रेस नेता के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणियों को हूबहू पढ़ा और चुनाव आयोग में शिकायत दी।
रविवार को मुंबई में एक रैली में गांधी ने कहा था, "हम किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं... हम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं, न ही हम एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन, एक चेहरे को सबसे आगे पेश किया गया है। हम उस शक्ति से लड़ रहे हैं।" इसके बाद राहुल गांधी अपने भाषण में कहते हैं- "हिंदू धर्म में एक शब्द है 'शक्ति'। हम एक 'शक्ति' के खिलाफ लड़ रहे हैं। सवाल उठता है कि वह 'शक्ति' क्या है...।" उनकी इसी लाइन को भाजपा और मोदी ने पकड़ लिया और इसे हिन्दू धर्म पर राहुल का हमला बताकर जबरदस्त प्रचारित कर दिया।
चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पुरी ने कहा, "उन्होंने जो कहा, मैंने वही पढ़ा और फिर हमने जाकर अपनी शिकायत दी। उन्होंने बहुत से लोगों की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया। उन्होंने 'नारी शक्ति' का अपमान किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राहुल गांधी की "शक्ति" टिप्पणी पर भाजपा की ओर से जवाब देते हुए कहा कि जो लोग " हिन्दू शक्ति" को नष्ट करना चाहते हैं वे स्वयं नष्ट हो जाएंगे। मंगलवार को तमिलनाडु के सेलम में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इंडिया गठबंधन के घटक कभी भी किसी अन्य धर्म के बारे में बुरा नहीं बोलेंगे, लेकिन हिंदू धर्म को गाली देने में एक सेकंड भी नहीं गंवाएंगे। बीजेपी ने राहुल गांधी से पूछा: 'क्या उनमें अन्य धर्मों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का साहस है?'
मोदी ने सलेम की रैली में कहा था- "INDI गठबंधन के लोग बार-बार और जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। विशेष रूप से, हिंदू धर्म के खिलाफ उनका हर बयान बहुत सोच-समझकर दिया जाता है! DMK और कांग्रेस का INDI गठबंधन किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता है। यह किसी अन्य धर्म के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलता है। हालांकि, जब हिंदू धर्म की बात आती है, तो वे इसका दुरुपयोग और अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।"
हालांकि, राहुल गांधी ने सोमवार को स्पष्ट किया था कि वह किसी धार्मिक शक्ति के बारे में नहीं बल्कि अधर्म, भ्रष्टाचार और झूठ की 'शक्ति' के बारे में बात कर रहे थे।
मोदी के खिलाफ शिकायतों पर क्या हुआतमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में 14 साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों को शामिल होने की अनुमति देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मोदी की रैली के दौरान श्री साईं बाबा विद्यालयम एडेड मिडिल स्कूल के छात्र हिंदू देवी-देवताओं के वेश में और भगवा रंग की कपड़े की पट्टियां पहने भाजपा द्वारा जगह-जगह बनाए गए मंच पर खड़े किए गए थे, जिस पर भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल भी बना था।
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के नियमों के खिलाफ चुनावी रैली में भाग लेने वाले 14 वर्ष से कम उम्र के छात्रों की तस्वीरें वायरल होने पर कोयंबटूर के जिला कलेक्टर क्रांति कुमार पति ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और शिक्षा अधिकारी एवं संयुक्त आयुक्त, श्रम विभाग से रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग ने अभी तक इस गंभीर शिकायक का संज्ञान तक नहीं लिया है। पीएम मोदी की रैली में बच्चों के इस्तेमाल की शिकायत सीपीआई और सीपीएम ने भी आयोग में की है।
इससे पहले की शिकायत भी चुनाव आयोग के पास पहुंची थी। चुनाव आयोग ने मतदाताओं को प्रधान मंत्री के उस कथित खुले पत्र के खिलाफ शिकायतों पर भी अभी तक कार्रवाई नहीं की है, जो चुनावों की घोषणा के बाद खुद को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से संबंधित बताने वाले एक व्हाट्सएप बिजनेस खाते से भेजा गया था।
तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को इसकी शिकायत बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की थी। इसके खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद चंडीगढ़ में चुनाव अधिकारियों ने भी कथित तौर पर चुनाव आयोग को एक नोट भेजा है। चुनाव आयोग के सूत्र ने कहा कि उन्हें इस मामले में चुनाव आयोग को मिली किसी भी शिकायत की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने बताया कि यह पत्र चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले यानी 15 मार्च को लिखा गया था। हालांकि पीएम मोदी के इस पत्र को बाद में चुपचाप पीआईबी और ऑल इंडिया रेडियो की वेबसाइट से हटा दिया गया।