छत्तीसगढ़ में जवानों पर हमले के लिए राहुल ने किसे बताया ज़िम्मेदार?

02:42 pm Apr 05, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

छत्तीसगढ़ में माओवादियों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने के दौरान जवानों की शहादत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अभियान तैयार करने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि 'हमारे जवान शहीद होने के लिए मनमाने ढँग से इस्तेमाल नहीं किए जा सकते हैं'। समझा जाता है कि उनका यह बयान उस नेतृत्व पर है जहाँ से इस अभियान के लिए हरी झंडी मिली थी। माओवादियों के ख़िलाफ़ अर्द्धसैनिक बलों ने कार्रवाई की है और यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है।

राहुल की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब सीआरपीएफ़ के प्रमुख कुलदीप सिंह का इंटेलिजेंस विफलता के सवाल पर बयान आया है। 

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा 22 सुरक्षाकर्मियों की हत्या को लेकर कुलदीप सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन में कोई खुफिया विफलता नहीं थी। उन्होंने कहा कि क़रीब 25-30 माओवादियों को भी मार दिया गया, हालाँकि सटीक संख्या का पता नहीं चल पाया है।

सीआरपीएफ़ के डीजी ने कहा, 'यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि कुछ प्रकार की खुफिया या ऑपरेशनल विफलता थी। यदि यह कुछ खुफिया विफलता होती तो जवान ऑपरेशन के लिए नहीं गए होते। और अगर कुछ ऑपरेशनल विफलता थी तो बहुत से माओवादी मारे नहीं जाते।'

सीआरपीएफ़ अधिकारी की तरफ़ से यह बयान आने के बाद ही राहुल ने इशारों में राजनीतिक नेतृत्व पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया, 'यदि कोई खुफिया विफलता नहीं थी, तो 1:1 मृत्यु अनुपात का मतलब है कि यह ख़राब तरीक़े से डिज़ाइन किया गया था और अक्षमता से काम को अंजाम दिया गया था।

हमारे जवान शहीद होने के लिए मनमाने ढँग से इस्तेमाल नहीं किए जा सकते हैं'।

बाद में राहुल गांधी ने एक और ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने सीधे सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है, '21वीं सदी में किसी भी भारतीय जवान को बिना सुरक्षा कवच ​​के दुश्मन का सामना नहीं करना चाहिए।

इसे हर सैनिक को उपलब्ध कराने की ज़रूरत है।'

इस बीच देश के गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ में जगदलपुर पहुँचे। उन्होंने सुरक्षा स्थिति को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि सरकार इस लड़ाई को ख़त्म करेगी। उन्होंने कहा है कि वह देश को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि नक्सलियों के ख़िलाफ़ लड़ाई और तेज़ होगी और आख़िर में जीत मिलेगी। उन्होंने शहीद जवानों को याद किया और कहा कि देश उनको कभी नहीं भूलेगा।

हालाँकि यह साफ़ तौर पर नहीं बताया गया है कि माओवादियों के ख़िलाफ़ यह अभियान कितना सफल रहा या विफल और यदि विफल रहा तो क्या विफलता रही।