पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने सभी चुनावी सभाएँ और रैलियाँ रद्द कर दी हैं। राहुल का यह फ़ैसला तब आया है जब प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली में अप्रत्याशित भीड़ के उनका बयान वायरल हो रहा है और कोरोना संक्रमण के बीच उनके इस बयान की आलोचना की जा रही है। वैसे, कोरोना के ख़तरे के बीच चुनावी रैलियों और सभाओं में भीड़ को लेकर सभी नेताओं की आलोचना की जा रही है। बीजेपी नेता ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और तृणमूल नेता ममता बनर्जी ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि राहुल की घोषणा के बाद क्या प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, तृणमूल नेता ममता बनर्जी भी ऐसी घोषणा करेंगे?
राहुल गाँधी ने चुनावी रैली नहीं करने के फ़ैसले की ट्वीट कर जानकारी दी और दूसरे दलों से भी ऐसा ही करने की अपील की।
बीजेपी, टीएमसी सहित सभी राजनीतिक दलों के राजनीतिक नेताओं ने चुनाव के पहले पाँच चरणों के लिए चुनाव प्रचार करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लगाए गए सभी कोरोना मानदंडों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई हैं। राजनीतिक दलों की विशाल रैलियों और रोड शो के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी गई। हज़ारों-लाखों की भीड़ में लोग मास्क भी नहीं पहने नज़र आए। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों और नेताओं की आलोचना की गई।
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी शनिवार से कुछ ज़्यादा ही निशाने पर आ गए। वह भी तब जब उन्होंने कुंभ को लेकर शनिवार सुबह कहा कि उन्होंने संतों से प्रार्थना की है कि वे प्रतीकात्मक तौर पर कुंभ को जारी रखें। इस घोषणा के कुछ देर बाद ही उन्होंने पश्चिम बंगाल में चुनावी रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने तो यह कह दिया कि 'किसी भी रैली में इतनी ज़्यादा भीड़ मैंने कभी नहीं देखी है।... मैं जहाँ देख सकता हूँ मुझे लोग ही लोग दिखते हैं, बाक़ी कुछ दिखता ही नहीं है।'
प्रधानमंत्री के इस बयान पर भी राहुल गाँधी ने हमला किया था। उन्होंने बिना किसी के नाम लिए और हैशटैग रैली देते हुए ट्वीट किया, 'बीमारों और मृतकों की भी इतनी भीड़ पहली बार देखी है।'
इस बीच ख़बर है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अभियान को जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के भी अभी कई कार्यक्रम पहले से ही तय हैं। अमित शाह रविवार को भी राज्य में कई रोड शो और रैलियाँ कर रहे हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए एक साक्षात्कार में अमित शाह ने बंगाल चुनावों में बीजेपी की संभावनाओं पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि पार्टी 200 से अधिक सीटों पर कब्जा करेगी और निश्चित रूप से सरकार बनाएगी।
इससे पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने कोरोना को देखते हुए बाक़ी बचे तीन चरणों के चुनाव को एक साथ कराने की मांग की थी। हालाँकि ममता ने अभी तक साफ़ नहीं किया है कि वह आगे के तीन चरणो के लिए प्रचार रोकेंगी या नहीं। चुनाव आयोग ने तीन चरणों का चुनाव एक साथ कराने का फ़ैसला तो नहीं किया, लेकिन चुनाव प्रचार के समय को कम ज़रूर किया है।
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अब चुनाव से 72 घंटे पहले ही प्रचार रोक देना होगा और शाम 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक प्रचार नहीं किया जा सकेगा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया है। शनिवार को ही राज्य में 7700 से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए। इससे एक दिन पहले 6 हज़ार से ज़्यादा मामले आए थे। तब 26 फरवरी को चुनाव की घोषणा के बाद के 49 दिनों में पश्चिम बंगाल में 3,120% संक्रमण बढ़ा।
पूरे देश में कोरोना संक्रमण के हालात बेहद ख़राब हैं। शनिवार को एक दिन में 2 लाख 61 हज़ार 500 केस आए। इस दौरान 1501 मौतें हुईं। ये आँकड़े एक दिन पहले के आँकड़ों से कहीं ज़्यादा हैं। शुक्रवार को 2 लाख 34 हज़ार 692 केस आए थे और 1341 लोगों की मौत हुई थी। यह लगातार चौथा दिन है जब एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा मामले आए हैं। संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। 14 अप्रैल को 2 लाख केस आए थे जो चौथे दिन बढ़कर 2 लाख 61 हज़ार से ज़्यादा हो गए।
संक्रमण कितनी तेज़ी से फैल रहा है यह इससे ही पता चलता है कि 4 अप्रैल को पहली बार एक दिन में 1 लाख से ज़्यादा केस आए थे और 14 अप्रैल को एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हो गए।