कांग्रेस ने बीजेपी पर ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग कर उगाही करने का आरोप लगाया है। इसने आरोप लगाया कि निजी कंपनियों से भाजपा के लिए चंदा वसूलने के लिए जांच एजेंसियों का 'दुरुपयोग' किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्टों में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने भाजपा को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया।
राहुल ने कहा, "देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि एमपी की एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही भाजपा को चंदा दिया।"
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "मोदी राज में भाजपा को दिया ‘अवैध चंदा’ और ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ ही ‘ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ की गारंटी है।" उन्होंने इसको लेकर तंज कसा कि क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है?
इस मामले में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच बीजेपी को कुल लगभग 335 करोड़ रुपये का चंदा देने वाली कम से कम 30 कंपनियों को उस अवधि में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का सामना करना पड़ा। इस बीच कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है।
जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी पूछा कि क्या सरकार भाजपा के वित्त पर एक 'श्वेत पत्र' लाएगी और यह भी बताएगी कि कैसे कॉर्पोरेट कंपनियों को उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके चंदा देने के लिए 'मजबूर' किया गया था।
उन्होंने पूछा, "अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो क्या आप उन घटनाओं की 'क्रोनोलॉजी' पर बिंदु-दर-बिंदु खंडन पेश करने को तैयार हैं, जिनके कारण भाजपा का खजाना भर गया।"
कांग्रेस के तीन सवाल-
- जिस तरह मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र प्रकाशित किया था, क्या उसी तरह 'हफ्ता वसूली' पर श्वेतपत्र प्रकाशित करेंगे?
- बीजेपी सरकार कहती है कि उनकी फंडिंग में पारदर्शिता है, तो क्या चुनाव आयोग ने न्यूज पोर्टल से जो जानकारी ली है, आप उसका खण्डन करेंगे?
- अगर आपकी नीयत साफ है तो क्या आप सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच स्वीकार करेंगे?
रमेश ने कहा, 'एक तरफ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि उनसे हफ्ता वसूली हो सके। यह लोकतंत्र के खिलाफ है, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सत्ता पाने के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं।'
निर्मला सीतारमण को लिखे अपने पत्र में वेणुगोपाल ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बीजेपी और कुछ फर्मों के बीच लेनदेन हुए जिन्होंने ईडी, आईटी और सीबीआई के छापों की कार्रवाई के बाद इसे चंदा दिया था। वेणुगोपाल ने कहा है कि चुनाव आयोग के कई दस्तावेजों द्वारा इसे प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे केंद्रीय एजेंसियों आईटी, ईडी, सीबीआई की प्रोफेशनल कार्यशैली और इन संस्थाओं की स्वतंत्रता, स्वायत्तता के बारे में गंभीर सवाल उठते हैं।
कांग्रेस नेता ने वित्त मंत्री से कहा है कि तीन में से दो एजेंसियां वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आती हैं और 2014 के बाद से राजनेताओं के खिलाफ ईडी मामलों में चार गुना वृद्धि हुई और 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं।
वेणुगोपाल ने कहा है कि 30 कंपनियों में से 23 कंपनियों ने, जिन्होंने इस अवधि के दौरान भाजपा को कुल 187.58 करोड़ रुपये दिए, 2014 और छापे के वर्ष के बीच भाजपा को कभी भी कोई चंदे की राशि नहीं दी थी। कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में कहा, 'इनमें से कम से कम चार कंपनियों ने केंद्रीय एजेंसी के दौरे के चार महीने के भीतर कुल 9.05 करोड़ रुपये का चंदा दिया।' उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कम से कम छह कंपनियाँ, जो पहले से ही भाजपा को दानकर्ता थीं, ने तलाशी के बाद के महीनों में भारी रकम दी।
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि छह अन्य कंपनियां, जिन्होंने पहले हर साल भाजपा को चंदा दिया था, उन्हें एक वित्तीय वर्ष में चंदा देने से इनकार करने के बाद केंद्रीय कार्रवाई का सामना करना पड़ा।