अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता के बारे में बात की। राहुल ने कहा- "आप हैरान होंगे... मैं मोदी से नफरत नहीं करता। उनका एक नजरिया है; मैं उस नजरिये से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत नहीं करता। उनका एक अलग नजरिया है, और मेरा एक अलग नजरिया है।"
राहुल गांधी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी को "मनोवैज्ञानिक हार" का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी ने कहा, "वह (पीएम मोदी) एक ऐसे व्यक्ति हैं जो कई वर्षों तक गुजरात में थे और उन्हें कभी भी विपरीत राजनीतिक हालात का सामना नहीं करना पड़ा। फिर, जब भारत के प्रधान मंत्री बने तो अचानक उनके विचारों में दरार पड़ने लगी।"
राहुल ने कहा- "फिर जब उन्होंने कहा, 'मैं सीधे भगवान से बात करता हूं' तो हम लोग समझ गए कि हमने वास्तव में उन्हें परेशान कर दिया है, और वो मनोवैज्ञानिक रूप से हार मान रहे हैं। लोग सोच सकते हैं कि प्रधान मंत्री बस कह रहे थे, 'देखो, मैं विशेष हूं, मैं 'मैं अद्वितीय हूं, और मैं भगवान से बात करता हूं।' लेकिन हमने इसे इस तरह नहीं देखा। आंतरिक रूप से, हमने इसे उनके एक मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा। वह सोच रहे थे, 'उनके अनुसार सारा काम क्यों नहीं हो रहा है।''
राहुल गांधी की यह बात जरूर पढ़ी जाएराहुल ने कहा- भारत सरकार में 90 प्रतिशत लोगों की पहुंच 10 प्रतिशत से भी कम पदों तक है जो यह तय करते हैं कि वित्त और धन कैसे खर्च किया जाएगा। जब आप वास्तव में वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से दस पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 में से पांच रुपये मिलते हैं, और ओबीसी को भी इतनी ही राशि मिलती है। सच तो यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। समस्या यह है कि 90 प्रतिशत भारत भाग नहीं ले पा रहा है।
नेता विपक्ष ने कहा कि भारत के हर बिजनेस में उसके लीडर की सूची देखें। मैं इस पर काम किया है। मुझे आदिवासी नाम दिखाओ, मुझे दलित नाम दिखाओ, और मुझे ओबीसी नाम दिखाओ। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 बिजनेस लीडरों में से एक ओबीसी है। भारत में 50 फीसदी ओबीसी हैं। हम समस्या की जड़ पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अभी यही मुद्दा है। आरक्षण ही एकमात्र साधन नहीं है; अन्य साधन भी हैं, लेकिन हमें आरक्षण ख़त्म करने के बारे में तभी सोचना चाहिए जब भारत समान अवसर देने का एक निष्पक्ष स्थान बन जाए। और भारत अभी इसके लिए कोई उचित जगह दिखायी नहीं देती है।
ऊंची जाति और अंबानी-अडानी बनने का सपना
राहुल गांधी ने कहा- ऊंची जाति के कई लोग हैं जो कहते हैं, 'देखो, हमने क्या गलत किया है? हमें सज़ा क्यों दी जा रही है?' आप सत्ता के विकेंद्रीकरण के बारे में सोचें। आप हमारे देश के शासन में कई और लोगों को शामिल करने के बारे में सोचें। सच कहूं तो, पूरे सम्मान के साथ, मुझे नहीं लगता कि आप में से कोई भी कभी अंबानी या अडानी बनने जा रहा है। और इसका एक कारण है, आप ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि वे दरवाजे बंद हैं। तो सामान्य जाति के लोगों का जवाब होना चाहिए कि उन दरवाजों को खोल दिया जाए।
राहुल गांधी को पगड़ी विवाद में फंसाने की कोशिशः कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि भारत में लड़ाई राजनीति की नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़ाई यह है कि भारत में एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने की इजाजत है या नहीं। ऐसा सिर्फ सिखों के साथ नहीं, बल्कि सभी धर्मों के साथ हो रहा है। दरअसल, गांधी ने यह टिप्पणी भारत में बढ़ती धार्मिक नफरत को लेकर की थी। अमेरिका के वर्जीनिया में भारतीय प्रवासियों के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान यह बात उन्होंने कही थी। लेकिन भारत में भाजपा ने इसे अलग ही मोड़ दे दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने सिखों के सम्मान को ठेस पहुंचायी है।
भाजपाई या तो अंग्रेजी नहीं जानते या संदर्भ नहीं समझते
राहुल गांधी के पगड़ी वाले बयान के बाद भाजपाई मैदान में कूद पड़े। चारों तरफ से अब इसी पर बयान आ रहे हैं। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने उन पर सिख समुदाय के प्रति "घृणास्पद शब्दों" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा, "उन्होंने (गांधी) कहा कि भारत में सिख अपनी पहचान और अपने धर्म का पालन करने के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं। राहुल, आपकी गंदी राजनीति देश को डुबो रही है। आप इतने नीचे गिर गए हैं कि आप आरोप लगाते हैं कि भारत में सिख पगड़ी और कड़ा नहीं पहन सकते... आप कहते हैं कि भारत में सिख और गुरुद्वारे सुरक्षित नहीं हैं।"भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिरसा ने मंगलवार को जारी एक वीडियो बयान में कहा, "मैं उनके शब्दों की निंदा करता हूं। हमारे प्रधानमंत्री गुरुद्वारों में पगड़ी पहनते हैं...वह सिख धर्म का सम्मान करते हैं। सिरसा ने याद दिलाया कि सिख देश के कुछ सर्वोच्च पदों तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि "भारत को अपने सिखों पर गर्व है।" यहां बताना जरूरी है कि राहुल गांधी ने अपने बयान में दरअसल धार्मिक आजादी के खतरे की बात कही थी और उसी संदर्भ में सिखों और पगड़ी का जिक्र किया था। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय कितने सुरक्षित हैं, उनकी धार्मिक आजादी कितनी सुरक्षित है, इस पर अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में मोदी सरकार की धज्जियां उड़ाई जा चुकी है। लेकिन भाजपाइयों ने संदर्भ को समझे बिना राहुल को घेरने की कोशिश की है।
भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि वह विवादास्पद बयान देने के लिए गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने के तरीके तलाश रहे हैं। मैं उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने जा रहा हूं। मैं उन्हें अदालत में घसीटूंगा।