बग़ावतां गाने का पोस्टर।
किसान एंथम गाने का पोस्टर।
इस गाने में मासूम शर्मा कहते हैं कि जो तुम पिज्जे का ऑर्डर देते हो, उसे तुम्हारे जीजा खेतों में उगाते हैं। वह आगे चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अगर हम भूख मिटाना जानते हैं तो भूखे मार भी सकते हैं, बस दिल्ली वालों इतना ध्यान रखना।
कुछ गानों में किसानों के प्रति समर्थन के अलावा यह मैसेज भी देने की कोशिश की गई है कि पंजाब दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा। गानों का छोटे बच्चों पर असर हो रहा है और वे भी इंटरव्यू लेने आने वाले यू ट्यूब चैनलों के पत्रकारों से कहते हैं कि ‘ओए, साडा पंजाब दिल्ली मूरे नी झुकूगा।’
किसान आंदोलन में शामिल नौजवानों के जोश को देखकर लगता है कि उनके दिमाग में ये बात घर कर गई है कि दिल्ली में बैठी हुक़ूमत कृषि क़ानूनों के जरिये पंजाब के खेतों को छीनना चाहती है और उन्हें इसके ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ना है। ये गाने इस भावना को और ज़्यादा बढ़ा रहे हैं।
संवेदनशील है मसला
पंजाब पाकिस्तान से लगता हुआ सूबा है। विभाजन से पहले ये एक विशाल पंजाब हुआ करता था जिसका विभाजन के बाद आधे से ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया और उसके बाद आज़ाद हिंदुस्तान में हिमाचल और हरियाणा भी इसी से निकलकर बने। पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की हमेशा से कोशिश हमारे पंजाब के नौजवानों को भड़काने की रही है।
पंजाब के नौजवानों को गानों के जरिये यह समझाया जा रहा है कि दिल्ली से पंजाब का सदा बैर रहा है। ऐसे संवेदनशील मौक़े पर बड़े पंजाबी गायकों के ये गाने नौजवान सिखों को पंजाब के हक़ के लिए लड़ने और खड़ा होने के लिए आगे आने को कह रहे हैं। ये वो वक़्त है जब भारत की मरकज़ी हुक़ूमत को इस मसले का तुरंत हल निकालने की ज़रूरत है|