राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों का हल्लाबोल जारी है। मंगलवार को भी राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा किया और इस वजह से सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। सांसदों ने कई दिनों तक संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन भी किया था। संसद सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने इन सांसदों से माफ़ी मांगने के लिए कहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हम गांधीवादी लोग तानाशाही के ख़िलाफ़ खड़े हैं और हम नहीं झुकेंगे।
टॉक शो से हटे
इस मामले में विपक्षी दलों के सांसद संसद के बाहर भी एकजुटता दिखा रहे हैं। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने निलंबित राज्यसभा सांसदों के साथ एकजुटता दिखाते हुए संसद टीवी पर टॉक शो नहीं करने का फ़ैसला किया है। थरूर संसद टीवी पर टॉक शो 'टू द पॉइंट' जबकि प्रियंका ‘मेरी कहानी’ नाम के कार्यक्रम की मेजबानी करती हैं।
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने ख़राब व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें, तो हम इस मामले को बंद करने के लिए तैयार हैं। विपक्षी दलों के हल्लाबोल के ख़िलाफ़ शुक्रवार को बीजेपी सांसद मैदान में उतरे थे और उन्होंने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया था।
क्यों हुआ निलंबन?
सांसदों के निलंबन के पीछे पिछले यानी मॉनसून सत्र में किए गए ख़राब व्यवहार को कारण बताया गया है। मॉनसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के वेल में आने की वजह से मार्शल्स को बुलाया गया था और उनकी कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। यह घटना 11 अगस्त को हुई थी।- निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह हैं।
- टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री।
- शिव सेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई।
- सीपीएम से एलमारम करीम सीपीआई से बिनॉय विश्वम शामिल हैं।