प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल का पहला इंटरव्यू दिया। एएनआई के इस इंटरव्यू में उन्होंने एक-एक कर कई मुद्दों पर अपना जवाब दिया। उन्होंने सरकार की उपलब्धियाँ तो गिनाईं ही विपक्ष की जमकर आलोचना भी की। आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफ़े पर भी प्रधानमंत्री ने सफ़ाई दी। मोदी ने कहा कि उर्जित ने ख़ुद से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़े की पेशकश की थी। मोदी ने कहा, ‘मैं पहली बार यह खुलासा कर रहा हूँ, अपने इस्तीफ़े से 6-7 महीने पहले वह मुझे कह रहे थे। उन्होंने मुझे लिखित में भी दिया था। राजनीतिक दबाव का सवाल ही नहीं है। आरबीआई गवर्नर के तौर पर उन्होंने बढ़िया काम किया है।’
बता दें कि हाल ही में उर्जित पटेल ने इस्तीफ़ा दे दिया था। दावा किया जा रहा था कि केन्द्र सरकार रिजर्व बैंक के नीतिगत फ़ैसलों में अधिक भूमिका चाहती थी जिसे पटेल बैंक की स्वायत्तता पर खतरा मान रहे थे।
'सिर्फ़ कर्ज़माफ़ी किसानों की समस्या का समाधान नहीं'
पीएम ने किसानों की समस्याओं को लेकर सफ़ाई दी। किसानों की कर्ज़माफ़ी के सवाल पर मोदी ने कहा कि सिर्फ़ कर्ज़माफ़ी समस्या का समाधान नहीं है। हाल के चुनावों में कांग्रेस द्वारा कर्ज़माफ़ी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सभी किसानों के कर्ज़ माफ़ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति बनाई जानी चाहिए जिसमें किसानों को कर्ज़ लेने की ज़रूरत नहीं पड़े। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कई छोटी-छोटी चीज़ें की है।'जीएसटी के कारण छोटे व्यापारियों को थोड़ी दिक़्क़त हुई'
जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सफ़ाई दी। जीएसटी में ख़ामियों को लेकर आलोचनाओं पर मोदी ने माना कि जीएसटी की वजह से छोटे व्यापारियों को थोड़ी दिक़्क़त हुई है। उन्होंने कहा कि हम जीएसटी को लगातार सरल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मिडिल क्लास की चिंता करना हमारा कर्तव्य है और हम इस दिशा में काफ़ी काम कर रहे हैं।विजय माल्या, नीरव और मेहुल पर सफ़ाई
मोदी ने विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे लोगों के भागने पर भी सफ़ाई दी। उन्होंने कहा कि ये लोग क्यों भागे, क्योंकि उन लोगों को लगा कि अब क़ानून का कड़ाई से पालन होगा और वे पहले की तरह लूट नहीं पाएँगे। पकड़े न जाएँ इसलिए ये लोग भाग खड़े हुए। मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि आज नहीं तो कल इनको वापस देश में वापस लाया जाएगा। सरकार अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सहारा ले रही है। देश में क़ानून बनाकर इनके ईर्द-गिर्द शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त की जा रही है। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि इनसे पाई-पाई पैसा वसूला जाएगा।
'सोनिया-राहुल जमानत पर'
2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रधानमंत्री मोदी ने गाँधी परिवार पर बड़ा हमला बोला। मोदी ने कहा कि जिस परिवार की चार पीढ़ियों ने शासन किया हो वह आज जमानत पर है, वह भी आर्थिक घोटालों के आरोप में। उन्होंने आगे जोड़ा कि यह कोई छोटी बात नहीं है। प्रधानमंत्री ने आज अपने आलोचकों को भी नहीं बख़्शा। उन्होंने कहा कि वे सारे लोग जो गाँधी परिवार की सेवा में लगे हैं वे नहीं चाहते कि यह जानकारी लोगों तक पहुँचे। वे लोग जानकारी को छुपाना चाहते हैं और देश में अलग तरीके का विमर्श चलाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन हक़ीकत यह है कि जिस परिवार को इस देश का पहला परिवार कहा जाता है वह आज जमानत पर है।यह सच है कि नेशनल हेरल्ड के मामले में नेहरू-गाँधी परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। दिल्ली की एक अदालत ने सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को 50 हज़ार के मुचलके पर ज़मानत मिली। प्रधानमंत्री मोदी इसी ओर इशारा कर रहे थे।'पाक एक हमले से नहीं सुधरेगा'
प्रधानमंत्री ने आज इस मसले पर भी सफ़ाई दी कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले ख़त्म नहीं हुए। मोदी ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि पाकिस्तान एक लड़ाई से सुधर जाएगा यह ठीक नहीं है। उन्होंने साफ़ किया कि पाकिस्तान को सुधारने में अभी और समय लगेगा।'नोटबंदी सरकार के लिए झटका नहीं'
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के मुद्दे पर सफ़ाई दी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी सरकार के लिए झटका नहीं है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही लोगों को चेतावनी दे दी थी कि अगर उनके पास कालाधन है तो उसे वे जमा कराएँ और उसके बदले में पेनाल्टी दें। उन्होंने कहा था कि अगर आप ऐसा करेंगे तो सरकार आपकी मदद करेगी। पीएम ने कहा कि मेरी बातों से लोगों को यह लगा कि मोदी भी दूसरे लोगों की तरह ही है और बहुत कम लोगों ने अपने कालेधन का खुलासा किया।
हम आपको बता दें कि आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने हज़ार और पाँच सौ के नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद पूरे देश में हाहाकार मच गया था। क़रीब सौ से ज़्यादा लोगों की नोटबंदी की वजह से मरने की ख़बर आई थी। अर्थशास्त्रियों ने आशंका जताई थी कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगेगा। बाद में यह बात सच भी साबित हुई। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री की बात से लगता है कि वह नोटबंदी के फ़ैसले को ग़लत नहीं मानते।