कोरोना: जावड़ेकर ने शेयर की रामायण देखते हुए फ़ोटो, ट्विटर यूजर्स ने लगा दी क्लास

08:03 pm Mar 28, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

देश त्रासदी के दौर से गुजर रहा है। आज़ादी के बाद की सबसे बड़ी आफ़त हमारे सामने है। केंद्र और राज्य सरकारें, प्रशासन-अफ़सरों का सारा अनुभव भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से नहीं रोक पा रहा है। ऐसे मुश्किल दौर में केंद्र सरकार के किसी मंत्री से आप यह उम्मीद क़तई नहीं करेंगे कि वह यह फ़ोटो ट्वीट करेगा कि वह घर में बैठकर रामायण देख रहा है। यह इसलिये कि केंद्र सरकार में मंत्री जैसे ओहदे पर बैठे व्यक्ति के पास इतनी विशाल आपदा के दौरान तमाम इंतजाम देखने, अधिकारियों के साथ को-ऑर्डिनेशन करने, लोगों तक राहत पहुंचाने सहित कई काम होते हैं। 

लेकिन मोदी सरकार के एक मंत्री महोदय इन जिम्मेदारियों को निभाने के बजाय आराम से टीवी देख रहे हैं और उसी शहर से हज़ारों लोग भूखे-प्यासे अपनी जान बचाने के लिये किलोमीटरों अपने गांवों की ओर दौड़े चले जा रहे हैं। 

केंद्र सरकार ने जनता से कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये वह घरों से बाहर न निकले लेकिन मुश्किल हालात में उसके मंत्री अपना काम छोड़कर आराम से बैठ जाएं, यह कहां लिखा है। शनिवार को जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रामायण देखते हुए फ़ोटो शेयर की तो ट्विटर यूजर्स का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उन्होंने मंत्री को आड़े हाथों लिया और सवाल उठाया कि ऐसे वक्त में जब लोगों को मदद की ज़रूरत है, वह आराम से रामायण देख रहे हैं। ट्विटर यूजर्स ने थोड़ी ही देर में #आलसी_जावड़ेकर ट्रेंड करा दिया। इस हैशटैग पर हज़ारों यूजर्स ने ट्वीट किये, उनमें से कुछ देखिये। 

राजीव जैन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि देश में भूख से 11 साल के लड़के राहुल की मौत हो गई है और जावड़ेकर जी आप रामायण ही देखिये। 

मोहित सिंह चौधरी नाम के ट्विटर यूजर ने तंज कसा कि जावड़ेकर सूचना प्रसारण मंत्री हैं और रामायण का प्रसारण कराकर वह अपना काम ही कर रहे हैं। 

चंदन कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि इस मुश्किल वक्त में अगर मंत्रियों के पास रामायण देखने के लिये समय है तो अब केवल भगवान राम ही हमारे देश को बचा सकते हैं। 

जावड़ेकर की खिंचाई करते हुए ट्विटर यूजर्स ने इस फ़ोटो को जमकर शेयर किया। इस फ़ोटो में जावड़ेकर जिस कमरे में बैठकर टीवी देख रहे हैं, उसमें महानगरों से गांवों की ओर जा रहे लोगों के फ़ोटो को फ़ोटोशॉप करके लगाया गया था।

जबरदस्त आलोचना के बाद जावड़ेकर को यह फ़ोटो डिलीट करना पड़ा और खिंचाई का असर यह हुआ कि उन्होंने एक नई फ़ोटो ट्वीट की जिसमें वह कुछ काम करते नजर आ रहे हैं। इस ट्वीट में जावड़ेकर ने लिखा कि उनका घर अब ऑफ़िस बन गया है और वह लॉकडाउन के दौरान लोगों को सहूलियतें देने के लिये अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संपर्क साध रहे हैं। 

बहुत कठिन है समय

ऐसे समय में जब दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठन भारत से कह रहे हैं कि उसे कोरोना वायरस के संक्रमण के ख़तरे के मद्देनजर ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट कराने चाहिए, वेंटिलेटर बढ़ाने चाहिए, हेल्थ वर्कर्स की संख्या बढ़ानी चाहिए, ऐसे में सरकार के मंत्रियों को ज़्यादा चुस्त-दुरुस्त होकर मैदान में उतरना चाहिए लेकिन जावड़ेकर का यह ट्वीट निश्चित रूप से बेहद निराश करने वाला है। क्योंकि जिम्मेदारियों से भागने के लिये उन्हें देश की सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया है। 

चुस्त-दुरुस्त रहें जनप्रतिनिधि

मोदी सरकार की इस बात के लिये भी जोरदार आलोचना हो रही है कि उसने एकदम लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इससे अफरा-तफरी फैल गयी क्योंकि लोगों को ज़रूरी वस्तुएं जुटाने का भी वक्त नहीं मिला। ऐसी हड़बड़ी में एक तो काम-धंधा चौपट होने के कारण, दूसरा वायरस के संक्रमण के डर से हज़ारों लोगों ने पिछले तीन-चार दिन में दिल्ली को छोड़ दिया। ऐसे में 132 करोड़ की आबादी वाले मुल्क़ के लोगों की अपेक्षा है कि न सिर्फ़ केंद्र सरकार के मंत्री बल्कि सभी जनप्रतिनिधि सतर्क होकर मैदान में उतरें न कि घरों में बैठकर रामायण देखें।