कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन को केंद्र सरकार भले ही सख़्ती से कुचलने की नीति पर चले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान इस ओर गया है और कई मशहूर लोगों ने इसका समर्थन किया है। अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भानजी मीना हैरिस, पॉप सिंगर रियाना और पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग ने किसान आन्दोलन के प्रति समर्थन और एकजुटता जताई है।
अमेरिका की अश्वेत और बेहद लोकप्रिय पॉप गायिका रियाना ने भारत में चल रहे किसान आन्दोलन का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, "हम इसकी चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?" उन्होंने इसके साथ ही #FarmersProtest भी जोड़ा।
विदेश मंत्रालय ने कहा- सनसनीखेज, ग़ैर-ज़िम्मेदाराना
रियाना के ट्वीट और उस पर हो रही ज़ोरदार प्रतिक्रिया पर भारत ने बग़ैर किसी का नाम लिए औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस आन्दोलन को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, आदर्शों और भारत सरकार व किसान संगठनों की ओर से समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिशों के परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि,
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"तथ्यों की पड़ताल कर और मुद्दों को अच्छी तरह समझ कर ही प्रतिक्रिया जताई जानी चाहिए। सोशल मीडिया के हैशटैग और सनसनी फैलाने के प्रलोभन से बचना चाहिए, खास कर उन शख्सियतों को जिनकी बातें न तो सही हैं न ही ज़िम्मेदारीपूर्ण।"
विदेश मंत्रालय, भारत
कंगना ने कहा- किसान नहीं, आतंकवादी हैं
पहले से ही विवादों में रही अभिनेत्री कंगना रनौत ने रियाना के ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा है,
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"इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है क्योंकि वे किसान नहीं है, आतंकवादी हैं जो देश को टुकड़े-टुकड़े करने पर आमादा हैं। वे अमेरिका की तरह भारत को भी चीन का उपनिवेश बनाना चाहते हैं। मूर्ख, बैठ जाओ। हम तुम्हारी तरह देश नहीं बेच रहे हैं।"
कंगना रनौत, अभिनेत्री
रियाना पर निजी हमला
इसके बाद कंगना ने रियाना पर निजी हमले किए और कहा कि वे भारतीय गायिकाओं की तरह ही तो हैं।कमला हैरिस की भांजी ने किया ट्वीट
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने पिछले महीने अमेरिकी संसद में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के समर्थकों के जबरन घुस जाने और तोड़फोड़ करने की वारदात को भारत में किसान आन्दोलन से जोड़ा।
उन्होंने कहा, "यह महज संयोग नहीं है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में एक महीने पहले हमला हुआ था और हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में लोकंतत्र पर हमला देख रहे हैं। हमें किसान आन्दोलन पर हो रहे अर्द्धसैनिक हिंसा और इंटरनेट बंद किए जाने पर गुस्सा होना चाहिए।"
लिली सिंह ने कहा, धन्यवाद
कनाडा में बसी और अपने यूट्यूब कॉमडी के लिए मशहूर लिली सिंह ने भी भारत में चल रहे किसान आन्दोलन का समर्थन किया है। उन्होंने रियाना को धन्यवाद किया और कहा कि यह मानवता से जुड़ा हुआ मामला है।बेस्ट सेलर लेखिका ने लिखा लेख
अमेरिका में बसी भारतीय मूल की कवियित्री और 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की 'बेस्ट सेलर' लेखिका रूपी कौर ने भी कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन का समर्थन किया है। उन्होंने किसान आन्दोलन के प्रति एकजुटता जताने के लिए रियाना को धन्यवाद कहा है। रूपी कौर ने किसान आन्दोलन पर एक लेख वाशिंगटन पोस्ट में
लिखा है और इसे 'क्रांति' कहा है।
ब्रिटिश सांसद
इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन के कई सांसदों ने भारत के किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए रियाना के प्रति कृतज्ञता जताई है।
ब्रिटेन की सांसद क्लॉडिया वेब ने ट्वीट किया,
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"भारतीय किसानों के प्रति एकजुटता दिखाती हूं। धन्यवाद रियाना। ऐसे युग में जब राजनीतिक नेतृत्व की कमी है, दूसरों के सामने आने से अनुगृहित हूं।"
क्लॉडिया वेब, सदस्या, ब्रिटिश संसद
किसान आन्दोलन को लेकर पॉप सिंगर रियाना के ट्वीट का समर्थन कर रहे हैं लोग।
अमेरिका की नज़र
इसी तरह अमेरिकी हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स के सदस्य जिम कोस्टा ने भी किसान आन्दोलन का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट किया,
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"भारत में हो रही घटनाएँ परेशान करने वाली हैं। विदेशी मामला समिति के सदस्य के रूप में मैं इस पर नज़र रखे हुए हूं। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार का सम्मान हर जगह होना चाहिए।"
जिम कोस्टा, सदस्य, अमेरिकी हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स के विदेश मामलों की समिति
ग्रेटा तनबर्ग
पर्यावरण बचाने के लिए आन्दोलन चलाने के लिए मशहूर स्विटजरलैंड की किशोरी ग्रेटा तनबर्ग ने भी भारत के किसान आन्दोलन को समर्थन किया है।
ग्रेटा तनबर्ग ने कहा कि वह भारत में चल रहे किसान आन्दोलन के साथ खड़ी हैं।
बता दें कि ग्रेटा को इस बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसान आन्दोलन को मिल रहे समर्थन के बीच भारत सरकार, सत्तारूढ़ दल बीजेपी और बीजेपी-शासित राज्य सरकारों ने अपना रवैया पहले से अधिक कड़ा कर लिया है।
कुचलने पर आमादा सरकार
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में जहाँ हज़ारों किसान जमा हैं, बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई स्तरों का बैरिकेड खड़ा कर दिया है, ब्लेड वाले कंटीले तार लगा दिए हैं, खाई खोद दी है और ज़मीन पर बड़े-बड़े नुकीले रॉड लगा दिए हैं। इन्हें पार करना किसी के लिए भी असंभव तो है ही, वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा के लिए भी ख़तरनाक है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार को जिस तरह कुचला जा रहा है, उससे भारतीय लोकतंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं।