मोदी ने लेह में जवानों से कहा - भारत के दुश्मनों ने आपका पराक्रम भी देखा है और गुस्सा भी

09:43 am Jul 04, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

चीन के साथ सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंचे। प्रधानमंत्री ने लेह में देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और सिंधु नदी के तट पर स्थित निमू इलाक़े में सैनिकों के साथ बातचीत भी की। 

इस मौक़े पर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है।’ मोदी ने कहा कि भारत के दुश्मनों ने आपका फ़ायर (पराक्रम) भी देखा है और आपकी फ्यूरी (गुस्सा) भी। उन्होंने कहा कि देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है और पूरे देश को आप पर गर्व है। 

चीन को चेताया

प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का नाम लिए बिना उसे चेताते हुए कहा कि विस्तारवाद का युग चला गया है और दुनिया विकास की राह पर चल पड़ी है। मोदी ने कहा कि विस्तार के मंसूबे रखने वाली ताकतों ने पिछली सदी में दुनिया को बर्बाद कर दिया लेकिन वे या तो हार गए या इतिहास ने उन्हें भुला दिया। 

मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को एक बार फिर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनकी जयकार कर रही है। उन्होंने जवानों से कहा कि दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है और आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं। 

प्रधानमंत्री के साथ चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत और आर्मी प्रमुख एम.एम. नरवणे भी थे। पहले इस यात्रा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जाना था लेकिन एन वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। 

दूसरी ओर, गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन ये बेनतीजा रही हैं। पूर्वी लद्दाख में अभी भी तनाव का माहौल है। 

भारत लगातार पुरानी स्थिति बहाल करने की बात कहता रहा है। लेकिन शातिर ड्रैगन ने अचानक से ही गलवान घाटी पर अपना हक़ जता दिया है और भारत कई बार कह चुका है कि उसका यह दावा अस्वीकार्य है। 

मीडिया में आई ख़बरों और सैटेलाइट तसवीरों से यह साफ पता चल रहा है कि चीन लगातार सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहा है और वह गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो झील से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता।इस तरह की ख़बरें आ चुकी हैं कि चीन देपसांग, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग के इलाक़ों से पीछे हटने की पेशकश कर पेंगोंग त्सो झील के फिंगर-4 और फ़िंगर-8 पर अपना कब्जा करने की फिराक में है और यह बात अब काफी हद तक साफ भी हो चुकी है। 

चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच बीते कई दिनों से भारत ने बॉर्डर पर अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। भारत के लड़ाकू विमान सुखोई, मिग, अपाचे और चिनूक सीमा पर लगातार उड़ान भर रहे हैं।

इसके अलावा भारत अपने मारक योद्धा भीष्म टैंक सहित युद्ध में दुश्मन की सांसें उखाड़ देने वाले बाक़ी साजो-सामान और जवानों को भी सीमा पर तैनात कर रहा है। भारत-चीन सीमा विवाद पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो - 

सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार भारत  

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के ही मुताबिक़, भारत सरकार में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि ड्रैगन के साथ बातचीत तो जारी रहनी चाहिए लेकिन ज़रूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भारत सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत में शामिल रहे एक शीर्ष अधिकारी ने अख़बार से कहा, ‘हम टकराव को बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन हम चीन के सामने झुकेंगे नहीं। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम उनका मुकाबला करेंगे।’