भारत में भी तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के संकट के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात आठ बजे देश को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री देश ही नहीं, दुनिया भर में खौफ पैदा करने वाले इस वायरस से पैदा हुई स्थिति के बारे में देश को बताएँगे और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगे। वह पहले भी ट्विटर पर लोगों को सांत्वना दे चुके हैं कि इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने सावधानी बरतने पर भी ज़ोर दिया था। उनका यह संबोधन तब हो रहा है जब एक दिन पहले ही यानी बुधवार को देर शाम कोरोना वायरस को लेकर उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक की है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब अब तक देश में इस वायरस के 151 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और इसमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, मॉल बंद करने जैसे सख्त क़दम भी उठाए गए हैं। दिल्ली में तो 50 से ज़्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर भी पाबंदी है। केंद्र सरकार ने भी मॉन्यूमेंट, म्यूजियम, नेशनल पार्क बंद कर दिए हैं। निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। कई राज्य सरकारें भी इस पर विचार कर रही हैं।
बुधवार को बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए आम लोगों, स्थानीय समुदायों और संगठनों को जोड़ा जाए। उन्होंने वायरस से लड़ने में बढ़चढ़ कर भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों, डॉक्टरों, सेना, पारा मिलिट्री फोर्सेस, राज्य सरकारों, विमानन व निगम के कर्मियों के प्रति आभार जताया।
ऐसी रिपोर्टें हैं कि प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में इस वायरस से लड़ने के लिए तैयारियों पर और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में चर्चा की है। जाँच सुविधाओं को बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की गई है। बता दें कि देश में अब तक जाँच की संख्या कम होने को लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है और कहा जा रहा है कि जाँच होने पर और भी मामले ज़्यादा आएँगे।
इसी बीच इस वायरस से लड़ने में अब निजी लैबोरेट्री को भी जोड़ा जा रहा है। अब तक सरकारी लैबोरेट्री में ही कोरोना वायरस की जाँच की जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर निजी लेबोरेट्री के साथ बातचीत कर रहा है।
आईसीएमआर ने इसकी जाँच शुरू कर दी है कि भारत में कोरोना वायरस कितनी ख़तरनाक स्थिति तक फैल चुका है। आईसीएमआर ने इसके लिए रैंडम तरीक़े से यानी जहाँ-तहाँ से एक मार्च से लेकर 15 मार्च तक 1020 सैंपल लिए। यह देखने के लिए कि उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि होती है या नहीं। ये वे लोग थे जिनमें गंभीर साँस की बीमारियों, न्यूमोनिया और इन्फ्लूएंज़ा जैसे लक्षण थे। इन सैंपलों में से 500 की रिपोर्ट आ गई है। ये सभी नेगेटिव रहे हैं यानी उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
आईसीएमआर की जो पहली रिपोर्ट आई है वह जाँच यह देखने के लिए थी कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले तो नहीं हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।