संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया है। यह सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार इस सत्र में 16 नए विधेयक लाएगी।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि G-20 की मेजबानी मिलना बहुत बड़ा अवसर है और इसके जरिए पूरे विश्व को भारत को जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि G-20 के जरिए भारत को अपना सामर्थ्य बताने का भी अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र में कई अहम फैसले लेने की कोशिश की जाएगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई और शीतकालीन सत्र में विपक्ष की रणनीति को लेकर चर्चा की।
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी जिसमें तमाम विपक्षी नेताओं ने अपनी बातों को सरकार के सामने रखा था। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने सरकार से कहा था कि बिना किसी उचित परामर्श के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के पीछे क्या वजह है, इस बारे में बताया जाए। बताना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते दिनों चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे।
महंगाई, बेरोजगारी और चीन-भारत सीमा पर हालात को भी विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक के दौरान उठाया और संसद में चर्चा की मांग की थी। कांग्रेस की ओर से ईडब्ल्यूएस आरक्षण और बेरोजगारी के मुद्दे को भी उठाया गया। कांग्रेस की ओर से लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में व्हिप नसीर हुसैन सर्वदलीय बैठक में मौजूद रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एनसीपी ने केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग पर भी चर्चा करने की मांग की। बैठक में बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण बिल को पास करने की मांग की थी जबकि शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने की मांग की थी। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ओल्ड पेंशन स्कीम और एमएसपी को लेकर कानून बनाने का मुद्दा उठाया था।
सरकार की ओर से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सत्र के एजेंडे को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं को जानकारी दी थी और उनसे सत्र चलाने में सहयोग मांगा था। उन्होंने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों के द्वारा उठाई गई बातों का संज्ञान लिया जाएगा और संसद में तय नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक ही आगे की चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई वरिष्ठ नेता क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं इसलिए माना जा रहा है कि वह इस सत्र में भाग नहीं लेंगे।