राज्य सभा के 250वें सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सदन में मौजूद सांसदों को संबोधित करते हुए कहा है कि राज्यों का प्रतिनिधित्व राज्यसभा की प्राथमिकता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की विविधता, भारत की अनेकता की एकता का जो सूत्र है वह इस सदन में नजर आता है।
मोदी ने कहा कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सदन में कहा था कि राज्यसभा सेकेंड हाउस है और कोई इसे सेकेंड्री हाउस बनाने की कोशिश न करे। मोदी ने कहा, ‘राज्यसभा की विशेषता है स्थायित्व और विविधता। सदन में चर्चा होनी चाहिए और हमें रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए।’
मोदी ने कहा, ‘आर्टिकल 370 के संबंध में हम राज्यसभा की भूमिका को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। इस सदन ने कई ऐतिहासिक क्षण देखे हैं। इस सदन ने इतिहास बनाया है और इतिहास को बनते हुए भी देखा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है और हमें राष्ट्रीय दृष्टिकोण से ओझल नहीं होना है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण और राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एनसीपी और बीजेडी दो ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने फ़ैसला लिया कि वे संसद की वेल में नहीं जाएंगे और उन्होंने ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि हम सभी को इन दलों से सीख लेते हुए इसे स्वीकार करना चाहिए। मोदी ने कहा कि सदन की गरिमा को बनाए रखने में सभी सदस्यों का योगदान है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले 5 साल का समय देखें तो यही वह सदन है जिसने तीन तलाक़ का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बड़ा काम किया। इसी सदन ने सामान्य वर्ग के ग़रीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया और यहां तक कि जीएसटी भी राज्यसभा में पास होने के बाद ही अस्तित्व में आया।’