मोदी सरकार की इस बजट को विपक्षी दलों ने 'कुर्सी बचाओ बजट' और 'पीएम सरकार बचाओ योजना' क़रार दिया है। कांग्रेस ने इसे एक निराशाजनक बजट क़रार देते हुए कहा है कि सरकार ने मुख्य मुद्दों का ज़िक्र ही नहीं किया। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को राजनीतिक वजहों से संतुष्ट किया गया, लेकिन देश में अन्य भी राज्य हैं।
राहुल ने ट्वीट किया, "'कुर्सी बचाओ' बजट। - सहयोगियों को खुश करना: अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे। - मित्रों को खुश करना: AA को लाभ लेकिन आम भारतीयों को कोई राहत नहीं। - कॉपी और पेस्ट: कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट"! उन्होंने कहा, "मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी 'रेवड़ियां' बाँट रहा है, ताकि एनडीए बचा रहे। ये 'देश की तरक्की' का बजट नहीं, 'मोदी सरकार बचाओ' बजट है!"
खड़गे ने कहा, "20 मई 2024, यानी चुनाव के दौरन ही, मोदी जी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि '100 दिनों का एक्शन प्लान हमारे पास पहले से ही है'। जब एक्शन प्लान दो महीने पहले था तो कम से कम बजट में ही बता देते! बजट में कोई कोई प्लान नहीं है, और भाजपा केवल जनता से धोखेबाज़ी करने के एक्शन में व्यस्त है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, '10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुई हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुई हैं, डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना - सब चुनावी धोखेबाज़ी निकली! ग्रामीण वेतन को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।'
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एएनआई से कहा, "मुझे लगता है कि इस बजट को 'पीएम सरकार बचाओ योजना' कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि अगर वे अगले 5 वर्षों के लिए इस सरकार को बचाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों को खुश रखने की ज़रूरत होगी। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद उन्होंने उन्हें धन दिया है। महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहाँ आप लगातार पैसे लेते रहते हैं।"
केंद्रीय बजट पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, 'यह कुर्सी बचाओ बजट है'। उन्होंने कहा, 'उनको कुर्सी बचाने के लिए जो-जो पार्टी कुर्सी बचाती है, उनके लिए यह बजट है। नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश वाले (चंद्रबाबू नायडू) को पास में रखने के लिए बजट है। यह इंडिया का बजट नहीं है, यह देश का बजट नहीं है।'
शशि थरूर ने कहा, 'यह एक निराशाजनक बजट है। मैंने आम आदमी के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों के बारे में कुछ नहीं सुना। इसमें मनरेगा का कोई उल्लेख नहीं है, और आम आदमी की आय में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का अपर्याप्त उल्लेख है। हमने आय असमानता को दूर करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम देखा है। रोजगार सृजन पर, एक सांकेतिक इशारा किया गया था। मैं केवल एक प्रावधान का स्वागत करता हूं जो एंजेल निवेशकों पर कर को समाप्त करना है। मैंने 5 साल से अधिक समय पहले अरुण जेटली से इसकी सिफारिश की थी।'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पीटीआई से कहा कि इस बजट में राजनीतिक मजबूरियां लिखी हुई हैं।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है'। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में बेरोजगारी बढ़ा दी है। सपा नेता ने पूछा, 'क्या किसानों के लिए कोई बड़ा फैसला हुआ है? पिछली बार उन्होंने कहा था कि मंडी और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए हैं। अगर उसे मजबूत किया जाता तो किसानों की आय दोगुनी हो जाती। उन्होंने बेरोजगारी बढ़ा दी। देश का युवा स्थायी नौकरी चाहता है।'
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'बजट सिर्फ आंकड़ों का दिखावा है, जमीनी स्तर पर कुछ भी लागू नहीं होगा।'