आम आदमी पार्टी ने बुधवार को दिल्ली में ऑपरेशन लोटस की जांच कराने को लेकर विधानसभा से लेकर सड़क तक मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के विधायकों ने कहा है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि देश भर में दूसरे दलों के विधायकों को खरीदने के लिए 6300 करोड़ रुपए कहां से आए।
पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछा कि राज्य सरकारों को गिराने के लिए और विधायकों की खरीद के लिए हजारों करोड़ रुपए का काला धन कहां से आ रहा है।
संजय सिंह ने कहा कि पेट्रोल-डीजल, दूध-दही, आटा-चावल पर टैक्स बढ़ाने के लिए बीजेपी जो दलाली खाती है, उस दलाली से विधायक ख़रीदे जाते हैं।
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ दिनों में लगातार यह आरोप लगाया है कि बीजेपी ने दिल्ली में उसके विधायकों को 20-20 करोड़ का ऑफर देकर खरीदने की कोशिश की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद विधानसभा में विश्वास मत भी लेकर आए थे।
बीजेपी बोली- जांच हो
इसे लेकर दिल्ली में बीजेपी के कुछ सांसदों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के द्वारा उनके विधायकों को 20-20 करोड़ रुपए का ऑफर दिए जाने के आरोपों की जांच की मांग की है। इसके लिए दिल्ली के सभी बीजेपी सांसदों ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है।
दिल्ली बीजेपी के सांसदों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के जिन विधायकों को बीजेपी नेताओं की ओर से फोन कॉल किया गया है, उन सभी लोगों के फोन जांच एजेंसियों के पास जाने चाहिए और सच सामने आना चाहिए।
संजय सिंह से पहले विधायक आतिशी मारलेना ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दामों से आने वाला पैसा विधायकों को ख़रीदने में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने राज्य सरकारों को गिराने के लिए 6300 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं। आतिशी ने कहा कि आप विधायकों को ख़रीदने के लिए रखा 800 करोड़ रुपया किसका है?
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इस मामले में विधानसभा परिसर में भी प्रदर्शन किया है।आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ने ही ऑपरेशन लोटस को लेकर जांच कराने की मांग की है। ऐसे में क्या सीबीआई ऑपरेशन लोटस को लेकर सामने आए आरोपों की जांच करेगी और अगर जांच हुई तो निश्चित रूप से यह देश भर में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाएगा।
विपक्षी राजनीतिक दल बीजेपी पर आरोप लगाते हैं कि वह ऑपरेशन लोटस के तहत विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम करती है और इसके लिए वे कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों का उदाहरण देते हैं।