हामिद अंसारी विवाद: पाकिस्तान में क्या है मिर्जा के बारे में राय?

05:44 pm Jul 15, 2022 | सत्य ब्यूरो

पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के द्वारा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर किए गए दावों के बाद भारत में लोग जानना चाहते हैं कि नुसरत मिर्जा पड़ोसी मुल्क में आखिर कितने बड़े पत्रकार हैं। नुसरत मिर्जा पाकिस्तान में साल 2005 में आए भूकंप और 2011 में जापान में आई सुनामी को लेकर अजीबोगरीब दावे कर चुके हैं और इसे लेकर वहां काफी सवाल भी उठे थे। 

नुसरत मिर्जा ने हाल ही में यह दावा किया था कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उन्हें साल 2005 से 2011 के बीच 5 बार भारत बुलाया था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मिर्जा को गोपनीय सूचनाएं दी गई जिसका पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस्तेमाल किया। 

नुसरत मिर्जा ने यह बात पाकिस्तान के यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ एक इंटरव्यू में कही थी।

लेकिन हामिद अंसारी ने कहा था कि उन पर एक के बाद एक कई झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा से मिलने या उन्हें भारत बुलाए जाने से पूरी तरह इनकार कर दिया था।

इस मामले में बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया शुक्रवार को एक बार फिर सामने आए और उन्होंने एक तस्वीर दिखाई। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की है और इसमें हामिद अंसारी बैठे हैं और इसी मंच पर नुसरत मिर्जा भी है।

भाटिया के द्वारा यह फोटो जारी किए जाने के बाद हामिद अंसारी ने एक बार फिर कहा कि वह अपने पिछले बयान पर कायम हैं कि वह पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को कभी भी नहीं जानते थे और उन्होंने उसे किसी कार्यक्रम में आमंत्रित भी नहीं किया था।

नेम ड्रॉपर की है पहचान

नुसरत मिर्जा पाकिस्तान के बड़े शहर कराची के रहने वाले हैं और नवा-ए-वक़्त और जंग अखबारों में अपने स्तंभ लिखते हैं। इन दिनों नुसरत मिर्जा सच टीवी पर एक कार्यक्रम करते हैं और उन्हें पाकिस्तान की मीडिया बिरादरी में नेम ड्रॉपर और सेल्फ प्रोजेक्टर के रूप में जाना जाता है।

नेम ड्रॉपर ऐसे शख्स को कहा जाता है जो किसी बड़ी हस्ती से मिलने के बाद इसके बारे में लोगों को बताता रहता है। जबकि सेल्फ प्रोजेक्टर वह शख्स होता है जो हर जगह ख़ुद को आगे और चर्चा में रखना चाहता है। 

नुसरत मिर्जा ने इंटरव्यू में दावा किया था कि 2006 में भारत के कई शहरों का दौरा करने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने उन्हें भारत के 7 शहरों का वीजा दिया था और कहा था कि वह उन्हें मिली सभी जानकारियों को आईएसआई के तत्कालीन डीजी अशफाक़ परवेज़ कयानी को दें। 

आमतौर पर उस समय पाकिस्तान के किसी भी नागरिक को भारत आने के लिए सिर्फ तीन शहरों का ही वीजा मिलता था।

लेकिन पाकिस्तान के पत्रकारों को इस बात का भरोसा नहीं है कि मिर्जा की कभी तत्कालीन विदेश मंत्री कसूरी से कोई बात हुई हो। कसूरी के करीबी पत्रकारों में से एक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने कभी मिर्जा को नहीं देखा था और न ही कभी कसूरी को उनके बारे में बात करते हुए सुना था। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि नुसरत मिर्जा की पूरी कहानी यहीं पर धड़ाम से गिर जाती है।

भूकंप, सुनामी को लेकर अजीब दावा 

इंटरव्यू के दौरान शकील चौधरी ने मिर्जा को उनके द्वारा लिखे गए उन कॉलम के बारे में याद दिलाया जिसमें मिर्जा ने दावा किया था कि 2005 में पाकिस्तान में आया भूकंप, 2010 में आई बाढ़ और 2011 में जापान में आई सुनामी के पीछे अमेरिकियों का हाथ था। इस पर नुसरत मिर्जा ने कहा कि उन्होंने जो कहा था वह उस पर कायम हैं क्योंकि अमेरिका मौसम में बदलाव करके सारी दुनिया पर कब्जा करना चाहता था। नुसरत मिर्जा ने इस तरह की आपदाओं के लिए अमेरिकी सेना के HAARP सर्विलांस प्रोजेक्ट का हवाला दिया था। 

लेकिन इंरटव्यू के दौरान जब नुसरत मिर्जा से यह कहा गया कि परवेज़ हुडभोय जैसे बड़े वैज्ञानिकों ने अमेरिकियों का हाथ जैसी किसी बात से इनकार किया था तो मिर्जा ने कहा कि वह इसकी परवाह नहीं करते और उन्होंने जो कहा वह सही कहा था।