कोलकाता पुलिस ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया। क्योंकि वह दो पुलिस थानों द्वारा जारी सम्मन पर हाजिर नहीं हो पाईं। पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पहले नारकेलडांगा पुलिस स्टेशन और फिर कोलकाता पुलिस के अधिकार क्षेत्र के तहत एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर जनता की गई शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थी। नूपुर शर्मा के खिलाफ कोलकाता पुलिस के विभिन्न पुलिस थानों में कम से कम 10 शिकायतें दर्ज की गईं हैं।
दिलचस्प बात यह है कि लुक आउट नोटिस के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि पैगंबर पर उनकी टिप्पणी के कारण चिन्तनीय घटनाएं हुईं। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
किसी सरकारी एजेंसी द्वारा ऐसे व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया जाता है जो एक जांच में वांछित है या फरार है जो व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकता है। नारकेलडांगा पुलिस स्टेशन में नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर 13 जून को दर्ज की गई थी और उन्हें 20 जून को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में 23 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी और उन्हें पुलिस के सामने 25 जून को पेश होने के लिए कहा गया था। नूपुर शर्मा ने दोनों समन को नजरन्दाज कर दिया था और पुलिस के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा था।
विवादास्पद टिप्पणी के बाद हावड़ा जिले सहित पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से सड़कों को अवरुद्ध करने और सार्वजनिक संपत्ति पर हमला करने के बजाय पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया था। इस सप्ताह की शुरुआत में ममता बनर्जी ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए संकेत दिया था कि राज्य में पुलिस बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
ममता ने 20 जून को केंद्र सरकार से कहा कि तुमने जुबेर को क्यों गिरफ्तार किया? उसने क्या किया? तीस्ता ने क्या किया? आप धर्म का दुरुपयोग करने वालों को गिरफ्तार नहीं करते! आप उन्हें सुरक्षा दें। लेकिन हमारे राज्य ने उसे तलब किया है। हम उसे नहीं छोड़ेंगे।