सीपीआई ने रविवार 6 अगस्त को अपना एक प्रतिनिधिमंडल नूंह भेजने की घोषणा की थी। नूंह में पिछले चार दिनों से समुदाय विशेष के घरों, दुकानों को बुलडोजर से गिराए जाने की सूचना के बाद सीपीआई ने चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषण की थी। जब यह प्रतिनिधिमंडल दोपहर को नूंह पहुंचा तो पुलिस ने प्रभावित इलाकों में उन्हें जाने से रोक दिया। इसी प्रतिनिधिमंडल को गुड़गांव जाना था। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उन्हें आगे जाने से रोक दिया। दूसरी तरफ गुड़गांव में धारा 144 लागू होने के बावजूद वीएचएपी और बजरंग दल ने हिन्दू समाज की महापंचायत गुड़गांव के तिगरा में आयोजित की। पुलिस ने उसे सुरक्षा भी प्रदान की।
सीपीआई नेताओं ने मौके पर मौजूद मीडिया से कहा कि "पुलिस सीपीआई के शीर्ष नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित नूंह का दौरा करने की अनुमति नहीं दे रही है। गुंडे, बदमाश स्वतंत्र रूप से जा सकते हैं, लेकिन शांति स्थापित करने के लिए यहां आए लोकतांत्रिक लोगों को रोका जा रहा है। हमने वापस जाने का फैसला किया है क्योंकि हम कानून नहीं तोड़ रहे हैं।" नूंह के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने जा रहे चार सदस्यीय सीपीआई प्रतिनिधिमंडल को रोके जाने के बाद सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने कहा, ''हम कोई टकराव नहीं चाहते।''
नूंह जा रहे प्रतिनिधिमंडल में सीपीआई के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम, सीपीआई महासचिव अमरजीत कौर, पार्टी सांसद संतोष कुमार पी और पार्टी नेता दरियाव सिंह कश्यप शामिल थे।
धारा 144 तोड़कर हिन्दू महापंचायत
गुड़गांव में धारा 144 के बावजूद रविवार 6 अगस्त को तिगरा में हिन्दू महापंचायत हुई। इसमें विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने जमकर भाषण दिया। महापंचायत में आपत्तिजनक नारेबाजी भी हुई। पुलिस ने इस इवेंट की वीडियोग्राफी कराई है, लेकिन केस दर्ज करने की सूचना फिलहाल मीडिया को नहीं दी गई है। गुड़गांव पुलिस ने तिगरा में महापंचायत स्थल को सुरक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। करीब दो हजार लोगों के जुटने का दावा किया गया। गुड़गांव पुलिस ने यह महापंचायत क्यों होने दी, इस बारे में उसने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।नूंह में बुलडोजर कार्रवाई जारी
हिंसा प्रभावित नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई रविवार को चौथे दिन भी जारी रही। हरियाणा के अधिकारियों ने रविवार को एक होटल- रेस्तरां सहित कई अवैध बिल्डिंगो को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन का कहना है कि इस होटल से धार्मिक यात्रा पर पथराव किया गया था। होटल मालिक का कहना है कि सैकड़ों भीड़ होटल में घुस गई, वो भला इतने लोगों को कैसे रोक सकता था। एसडीएम अश्विनी कुमार के अनुसार, “ये अवैध निर्माण थे। तोड़े गए निर्माणों के मालिकों को पहले ही नोटिस दिए गए थे। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर हो रही है। एसडीएम ने कहा कि ब्रज मंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा में कुछ अवैध ढांचों के मालिक भी शामिल थे। बुलडोजर अभियान जारी रहेगा।” हालांकि जिनके मकानों-दुकानों को गिराया गया, उनका आरोप है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। यहां तक उन्हें सामान तक नहीं हटाने दिया गया। कुछ दुकानदारों को एक घंटे पहले बताया गया, वे भी अपना पूरा सामान नहीं निकाल सके।कहां है सुप्रीम कोर्ट
एआईएमआईएम प्रमुख असददुद्दीन ओवैसी ने रविवार को नूंह में कथित अवैध निर्माण तोड़े जाने पर सख्त टिप्पणी की है। ओवैसी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बुलडोज़र एक्शन लेने से पहले सरकार को क़ानून की प्रक्रिया (due process) का पालन करना होगा। बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। बस इल्ज़ाम की बुनियाद पर सैकड़ों ग़रीब परिवारों को बेघर कर दिया गया। भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये क़ानूनी तौर पर सही है और न ही इंसानियत के तक़ाज़े से जायज़ है। हरियाणा में सिर्फ़ ग़रीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एकतरफ़ा कार्रवाई की जा रही है। असली मुज़रिम बंदूक़ लेकर खुले आम घूम रहे हैं। उनके आगे तो खट्टर सरकार ने अपने घुटने टेक दिए। मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ कर अपने-आप को ताक़तवर समझना क्या बड़ी बात है?विश्व हिंदू परिषद के जुलूस के दौरान नूंह में 31 जुलाई को हिंसा भड़क गई, जिसमें छह लोगों की जान चली गई। हिंसा तेजी से गुड़गांव और राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गई। पुलिस ने अब तक 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि करीब 80 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने नूंह में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं का निलंबन 8 अगस्त तक बढ़ा दिया। हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि नूंह की घटनाओं का पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है। इसी तरह हरियाणा की एडीजीपी ममता सिंह ने कहा कि नल्हड़ के मंदिर में महिलाओं के साथ किसी भी तरह की यौन उत्पीड़न की घटना नहीं हुई है। मैं वहां खुद मौजूद थी। इस बारे में जो लोग अफवाह फैला रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी।