बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारा विपक्षी दलों के भीतर कोई मुद्दा नहीं है और इस पर चर्चा जल्द ही शुरू होगी। नीतीश ने आगे कहा, "मुझे संदेह है कि वे (भाजपा) समय से पहले चुनाव कराना चाहते हैं क्योंकि विपक्ष अब एकजुट हो रहा है...केंद्र सरकार डरी हुई है।"
समझा जाता है कि सीट शेयरिंग को लेकर अगली इंडिया बैठक दिल्ली में हो सकती है। हालांकि यह भी खबर आई थी यह बैठक एमपी चुनाव के मद्देनजर भोपाल में हो सकती है लेकिन अब विपक्ष के तमाम नेताओं ने संकेत दिए हैं कि यह बैठक दिल्ली में ही होगी।
अपनी मुंबई बैठक के दूसरे दिन, इंडिया ने 14 सदस्यीय समन्वय पैनल का गठन किया था और कहा था कि वे जल्द ही अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए अपने सदस्यों के बीच सीट-बंटवारे का फॉर्मूला लेकर आएंगे। लेकिन तमाम मीडिया में यह खबर आई कि सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति साफ नहीं होने से टीएमसी समेत कई क्षेत्रीय दल खुश नहीं हैं और वे चाहते हैं कि जल्द फैसला हो। लेकिन नीतीश के शनिवार के बयान से साफ हो गया है कि इस पर कोई मतभेद नहीं है और जल्द ही यह बात साफ हो जाएगी।
उधर, विपक्ष के एक अन्य प्रमुख नेता और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी शनिवार को भाजपा को चुनौती दी। अखिलेश का बयान भी विपक्ष की मजबूती की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अखिलेश ने कहा- हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले। इससे एक तरफ़ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है।