सुरों की कोकिला लता मंगेशकर पंचतत्व में विलीन

08:17 pm Feb 06, 2022 | सोमदत्त शर्मा

सुरों की कोकिला लता मंगेशकर का रविवार शाम मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में अंतिम संस्कार कर दिया गया। लता मंगेशकर को आखिरी विदाई देने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन के लिए बॉलीवुड से लेकर राजनीति जगत के और इसके अलावा क्रिकेट जगत के भी सितारे भी दादर के शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने लता मंगेशकर के सम्मान में 7 फरवरी को छुट्टी का ऐलान किया है।

दुनियाभर के करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाली सुरों की मलिका लता मंगेशकर का मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में अंतिम संस्कार कर दिया गया। रविवार शाम को करीब 4:30 बजे लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर पैडर रोड स्थित उनके घर प्रभु कुंज से दादर के शिवाजी पार्क मैदान के लिए निकला था लेकिन रास्ते में लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को 8 किलोमीटर का सफर तय करने में करीब डेढ़ घंटे का समय लग गया।

सबसे पहले लता दीदी के पार्थिव शरीर को राजकीय रीति के हिसाब से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से भारतीय सेना के जवानों ने पुष्पांजलि अर्पित की, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन किए और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लता मंगेशकर को आखरी विदाई दी और अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द करने के बाद पहले मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे जहां उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिसीव किया उसके बाद शिवाजी पार्क मैदान पर पहुंचकर लता दीदी को श्रद्धांजलि दी।

लता मंगेशकर को आखिरी विदाई देने के लिए एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे दादर के शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे और लता मंगेशकर को आखिरी विदाई दी। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर भी लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने के लिए शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे। फिल्म स्टार शाहरुख खान, श्रद्धा कपूर, गायक मीका सिंह, गायिका अनुराधा पौडवाल, गीतकार जावेद अख्तर भी लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने के लिए शिवाजी पार्क पहुंचे।

सत्य हिंदी भी लता मंगेशकर की अंतिम यात्रा का गवाह रहा। अंतिम यात्रा के दौरान सत्य हिंदी ने लता मंगेशकर के चाहने वालों से बात की। बेंगलुरु से लता दीदी के अंतिम दर्शन करने के लिए मुंबई पहुंचे जिग्नेश अय्यर का कहना है कि उन्होंने लता दीदी के करीब 1000 से भी ज्यादा गानों का कलेक्शन अपने घर पर रखा हुआ है। यही कारण है कि अपनी पसंदीदा गायिका को अंतिम विदाई देने के लिए वह बेंगलुरु से मुंबई पहुंचे। मुंबई के गोरेगांव से लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे ओमप्रकाश सिंह काफी गमगीन दिखे। ओमप्रकाश का कहना है कि आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में जब भी वह लता दीदी के गानों को सुना करते थे तो उनसे एक अलग तरह की तरीके की शक्ति उन्हें मिलती थी। आज देश ने ऐसी गायिका को खो दिया जिसके गानों ने पूरी दुनिया में धूम मचाई थी।

लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय विधि के साथ किया गया। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे आदिनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखाग्नि दी। लता दीदी को मुखाग्नि देने के लिए मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर से 8 ब्राह्मणों को बुलाया गया था। उन्होंने पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ लता मंगेशकर को मुखाग्नि दिलवाई। मुख्य ब्राह्मण गुरुनाथ वाटवे ने सत्य हिंदी को बताया कि लता मंगेशकर के लिए महाराष्ट्र सरकार ने चंदन की लकड़ियां भी मंगवाई थी जिनसे लता दीदी का अंतिम संस्कार किया गया।

आपको बता दें कि लता मंगेशकर का निधन रविवार सुबह तकरीबन आठ बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हो गया था। लता मंगेशकर पिछले 28 दिनों से बीमार चल रही थी। 8 जनवरी को लता दीदी कोरोना से संक्रमित हो गई थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

लता दीदी के इलाज में उनकी उम्र भी आड़े आ रही थी क्योंकि वो पिछले काफी समय से निमोनिया से ग्रसित थी। लता दीदी को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। 3 दिन पहले ही लता दीदी को वेंटिलेटर से हटा कर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था लेकिन उनकी तबीयत जब बिगड़ने लगी तो शनिवार को फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया। भले ही लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके हजारों गाने अब भी हमारे कानों में गूंज रहे हैं।