नीट मामला: जाँच बिहार से तक महाराष्ट्र पहुँची, दो शिक्षक हिरासत में

03:22 pm Jun 23, 2024 | सत्य ब्यूरो

नीट-यूजी के कथित पेपर लीक मामले की जाँच अब बिहार से महाराष्ट्र तक पहुँच गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अब तक पेपर लीक के आरोपों को खारिज करता रहा है, लेकिन सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि बिहार पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में पेपर लीक की बात कही है। इसमें 'सॉल्वर गैंग' का भी हाथ होने की रिपोर्ट है।

बिहार में नीट-यूजी पेपर लीक के आरोप सामने आने के बाद जाँच का दायरा महाराष्ट्र तक पहुँच गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के लातूर में इस मामले में दो शिक्षकों को हिरासत में लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते यानी एटीएस ने शनिवार देर रात लातूर से दो शिक्षकों को हिरासत में लिया। उनसे नीट पेपर मामले में पूछताछ की गई।

रिपोर्ट में दोनों शिक्षकों की पहचान संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान के रूप में हुई है। ये लातूर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं। दोनों जिले में एक निजी कोचिंग चलाते हैं। पेपर लीक मामले में शामिल होने के संदेह में उन्हें हिरासत में लिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कई घंटों की पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से बुलाया जाएगा। 

यह घटना नीट पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के तुरंत बाद हुई है। बिहार में धोखाधड़ी और पेपर लीक के आरोप सामने आए। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए के कामकाज की समीक्षा के लिए सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। केंद्र ने नीट की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को भी हटा दिया।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अगुवाई वाली 7 सदस्यीय समिति अगले दो महीनों में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अब तक नीट में पेपर लीक की बात नहीं स्वीकारी है, लेकिन इतना ज़रूर कहा है कि वह बिहार पुलिस की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं।

क्या है बिहार पुलिस की रिपोर्ट में?

बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने शनिवार को केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। केंद्र ने ईओयू से रिपोर्ट मांगी थी। ईओयू ने 5 मई को परीक्षा के तुरंत बाद चार परीक्षार्थियों सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद जांच का जिम्मा संभाला था। ईओयू टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन एच खान कर रहे हैं। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "शिक्षा विभाग को भेजी गई हमारी रिपोर्ट में मोटे तौर पर तीन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है - अब तक के साक्ष्यों के आधार पर पेपर लीक होने का स्पष्ट संकेत, एक अंतर-राज्यीय गिरोह की संभावित संलिप्तता और बिहार के कुख्यात 'सॉल्वर गिरोह' की संदिग्ध भूमिका।"

क्या है सॉल्वर गैंग?

बिहार पुलिस का मानना ​​है कि देश भर में फैले 'सॉल्वर गैंग' का मुखिया रवि अत्री ही इस लीक का मास्टरमाइंड है। यह नेटवर्क सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से हल किए गए प्रश्नपत्र प्राप्त करने और बाँटने में माहिर है, जो गारंटीशुदा सफलता के लिए भारी कीमत चुकाने को तैयार उम्मीदवारों के लिए काम करता है। अत्री 'परीक्षा माफिया' के भीतर अपने संबंधों का लाभ उठाते हुए विभिन्न राज्यों में बेखौफ काम करता था।

अत्री के काम करने का तरीका है कि आमतौर पर परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र पाता है, और उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से भुगतान करने वाले ग्राहकों तक भेजता है। गिरोह छात्रों को अधिक भुगतान करने और उनकी जगह किसी और से परीक्षा देने का विकल्प भी दिया करता था।