NEET: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- परीक्षा की पवित्रता भंग, लेकिन एडमिशन रोका नहीं

02:29 pm Jun 11, 2024 | सत्य ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट परीक्षा में कथित धांधली पर सख्त टिप्पणी की लेकिन उसने एडमिशन और काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 के नतीजों को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को नोटिस जारी किया। नीट पेपर लीक होने को अदालत में चुनौती दी है, जिसे सरकार इनकार करती रही है। अदालत ने सरकार और एनटीए से कहा कि "यह इतना आसान नहीं है... क्योंकि आपने यह किया है। परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है... इसलिए हमें जवाब चाहिए।"

हालांकि अदालत ने शिवांगी मिश्रा बनाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और अन्य की याचिका पर काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता छात्र-छात्राओं के वकील ने जब इस पर बहस की कोशिश की तो सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने कहा- "हम काउंसलिंग नहीं रोकेंगे। अगर आप आगे बहस करेंगे तो हम इसे खारिज कर देंगे।"

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वैकेशन बेंच ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 8 जुलाई के लिए रख दी है। अदालत इस साल कथित पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं को लेकर NEET-UG 2024 को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसी तरह की याचिकाएँ दिल्ली और कलकत्ता हाईकोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में से एक में विशेष रूप से उन आरोपों का उल्लेख किया गया है कि पेपर पटना में लीक हुआ था और राजस्थान में उम्मीदवारों को गलत प्रश्नपत्र दिए गए थे। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि 4 जून को आए नतीजों के अनुसार असाधारण रूप से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को सही अंक मिले। छात्रों ने ग्रेस मार्क्स देने को लेकर भी अनियमितता का आरोप लगाया है। बता दें कि गलती वाले सवाल को ट्राई करने वाले छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं।

ऐसा नहीं है कि छात्र अदालत का दरवाजा पहले से नहीं खटखटा रहे हैं। लेकिन उनकी सुनवाई जल्दी नहीं होती। यही वो सुप्रीम कोर्ट है जिसने 17 मई को NEET-UG 2024 के नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस बेंच में भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा थे।

कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है। अभी पिछले रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर बयान दिया था और कहा था कि वो इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। राहुल गांधी ने रविवार को कहा था कि नरेंद्र मोदी ने अभी शपथ भी नहीं ली है और NEET परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक स्टूडेंट्स और उनके परिवारों को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा- एक ही एग्जाम सेंटर से 6 छात्र मैक्सिम मार्क्स के साथ टॉप कर जाते हैं, कितनों को ऐसे मार्क्स मिलते हैं जो टेक्निकली संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार लगातार पेपर लीक की संभावना को नकार रही है।

राहुल गांधी ने कहा-  शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे इस ‘पेपर लीक उद्योग’ से निपटने के लिए ही कांग्रेस ने एक रोबस्ट प्लान बनाया था। हमने अपने मैनिफेस्टो में कानून बना कर छात्रों को ‘पेपर लीक से मुक्ति’ दिलाने का संकल्प लिया था।

राहुल ने कहा- आज मैं देश के सभी स्टूडेंट्स को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संसद में आपकी आवाज़ बन कर आपके भविष्य से जुड़े मुद्दों को मज़बूती से उठाऊंगा। युवाओं ने INDIA पर भरोसा जताया है - INDIA उनकी आवाज़ को दबने नहीं देगा।

इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को NEET नतीजों में कथित अनियमितताओं की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच की मांग की और भाजपा पर युवाओं को धोखा देने और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार एनईईटी समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गए हैं। 

खड़गे ने कहा- इसकी सीधी ज़िम्मेदारी मोदी सरकार की है। स्टूडेंट्स के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर अनेकों अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फँसना, उनके भविष्य से खिलवाड़ है। भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है। हमारी माँग है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे NEET व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले।