क्या बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आवाज़ उठाने की या उनसे मुद्दों पर बात नहीं की जा सकती। क्योंकि अगर की जाती होती तो पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक मुरली मनोहर जोशी कम से कम यह बयान नहीं देते कि आज ऐसे नेतृत्व की बहुत आवश्यकता है जो मुद्दों पर बिना डरे प्रधानमंत्री से अपनी बात कह सके। जोशी को बीजेपी की त्रिमूर्ति में गिना जाता है और पार्टी को शिखर तक पहुँचाने में उनका अहम योगदान माना जाता है। लेकिन जब इतने वरिष्ठ नेता इस बात को कहें तो इसे गंभीरता से लिया जाना लाजिमी है।
जोशी ने यह बात मंगलवार को तब कही जब वह दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. जयपाल रेड्डी के निधन पर हुई स्मरण सभा में शामिल होने आए थे। रेड्डी का 28 जुलाई को हैदराबाद में निधन हो गया था।
जोशी ने कहा, ‘मैं ऐसा समझता हूँ कि आजकल ऐसे नेतृत्व की बहुत आवश्यकता है जो सिद्धातों के साथ, बेबाकी के साथ और बिना कुछ इस बात की चिंता किये हुए कि प्रधानमंत्री नाराज होंगे या ख़ुश होंगे, अपनी बात साफ़-साफ़ कहते हैं, उनसे बहस करते हैं।’
टिकट कटने से थे नाराज
याद दिला दें कि बीजेपी ने इस बार 75 प्लस के फ़ॉर्मूले के तहत मुरली मनोहर जोशी का टिकट काट दिया था। पिछली बार भी जोशी की परंपरागत सीट से हटाकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कानपुर भेज दिया गया था। टिकट काटे जाने के बाद से ही जोशी के नाराज होने की ख़बरें आ रही थीं। हालाँकि चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जोशी के घर पहुँचे थे। यहाँ याद दिलाना ज़रूरी होगा कि जोशी 1991 से 1993 तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं और तब उन्होंने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एकता यात्रा निकाली थी और नरेंद्र मोदी उस यात्रा के संयोजक थे।
पार्टी ने इस बार जोशी के साथ ही आडवाणी और सुमित्रा महाजन का भी टिकट काट दिया था। तब ऐसी ख़बरें आई थीं कि आडवाणी ने भी उन्हें बिना बताये उनका टिकट काटे जाने को लेकर नाराजगी जताई थी और इसी तरह सुमित्रा महाजन ने भी पत्र लिखकर नाराजगी का इजहार किया था।
ऐसी ख़बरें सामने आती रही हैं कि बीजेपी में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रवैये को लेकर असंतोष है। इस बात का इशारा फ़िल्म अभिनेता और बीजेपी के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने भी पार्टी छोड़ते वक्त किया था।
सिन्हा ने तब कहा था कि मोदी सरकार में ऐसे-ऐसे लोगों को मंत्री बना दिया गया जो बुरी तरह डरे हुए थे और लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा को जानबूझकर किनारे कर दिया गया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी वन मैन आर्मी और टू मैन शो बनकर रह गई है। बीजेपी ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काट दिया था। हालाँकि इन दिनों एक बार फिर सिन्हा के सुर बदले हुए हैं और उन्होंने मोदी की तारीफ़ में ट्वीट किये हैं।