कर्नाटक और महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के जरिए अज़ान का विरोध शुरू हो गया है। कर्नाटक के मंत्री ने लाउडस्पीकर पर बैन लगाने की मांग की है। महाराष्ट्र के नासिक में लाउडस्पीकर और डीजे पर रोक लगा दी गई है। दोनों ही राज्यों में दक्षिणपंथी समूह लाउडस्पीकर का विरोध कर रहे हैं।
कर्नाटक में अभी तक हलाल विरोधी अभियान चलाकर समुदाय विशेष को टारगेट किया गया। हालांकि हर राज्य और शहर में हलाल मीट और झटके के मीट की अलग-अलग दुकानें होती हैं और लोग अपनी सुविधा, विश्वास और वैज्ञानिक कारणों के हिसाब से मीट खरीदते रहे हैं। लेकिन कर्नाटक में बजरंग दल, श्रीराम सेना ने हलाल मीट के खिलाफ अभियान शुरू किया। अब उन्हीं दोनों संगठनों ने लाउडस्पीकर के जरिए अज़ान का विरोध शुरू कर दिया है।
बीजेपी नेता और कर्नाटक के मंत्री एस. ईश्वरप्पा ने कहा कि मुस्लिम लंबे समय से लाउडस्पीकर से नमाज के लिए नमाजियों को बुलाने की परंपरा का पालन कर रहे हैं, लेकिन इससे बच्चे, छात्र और मरीज परेशान होते हैं।
ईश्वरप्पा ने कहा कि हम जोर जोर से 'हनुमान चालीसा' पढ़कर कोई प्रतियोगिता नहीं करना चाहते। मुझे मुसलमानों के नमाज़ अदा करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर मंदिरों और चर्चों से भी इसी तरह जोर से लाउडस्पीकर पर प्रार्थना की गई तो इससे दोनों समुदायों के बीच संघर्ष होगा। कर्नाटक के एक अन्य मंत्री सी. एन. अश्वथ नारायण ने कहा कि सरकार अजान के संबंध में कोई नया कानून नहीं लाई है। हम कानूनों में पहले से तय नियमों के अनुसार काम कर रहे हैं। हम किसी के पक्ष या विपक्ष में काम नहीं कर रहे हैं।
बजरंग दल के सदस्य भरत शेट्टी ने कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान बेंगलुरु में शुरू होगा और बाद में पूरे राज्य में चलाया जाएगा।
श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक और उनके सहयोगियों ने सरकार को मस्जिद से माइक हटाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, इससे ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। सरकार के कार्रवाई नहीं करने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी। इस अभियान में हर रोज सुबह 5 बजे मंदिरों में अज़ान का "काउंटर" करने के लिए भजन बजाना शामिल होगा।
बैक-टू-बैक ऐसे नफरती अभियानों पर कर्नाटक सरकार की "चुप्पी" की विपक्षी दलों ने आलोचना की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि 2000 में बने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियमों के तहत ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सभी पूजा स्थलों के लिए आवश्यक है। किसी भी उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर इन मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुसलमान अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते रहे हैं। हिंदुत्ववादी संगठन अब अचानक क्यों परेशान हो रहे हैं? मुख्यमंत्री कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हैं। वह ऐसे चुप रहे जैसे कुछ हुआ ही न हो।
उन्होंने कहा, पिछले डेढ़ महीने में राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यह उत्तर प्रदेश नहीं है। बीजेपी यहां इन मुद्दों के आधार पर 2023 का चुनाव नहीं जीत सकती।