चाँद पर उतरने से पहले भले ही चंद्रयान-2 मिशन से संपर्क टूट गया हो, लेकिन यह बहुत बड़ी सफलता है। जहाँ अमेरिका ने चंद्रयान-2 मिशन को ‘भारत के लिए बहुत बड़ा क़दम’ बताया है वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसरो की सराहना करते हुए कहा है कि आप और आपकी यात्रा हमें प्रेरणा देते हैं। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का अंतरिक्ष कार्यक्रम शानदार रहा है और दुनिया के उन गिने-चुने देशों में है जो इस क्षेत्र में सबसे सफल रहे हैं। इसी बीच चंद्रयान-2 की असफलता भी आगे की यात्रा के लिए सीख देने वाली है।
अमेरिका ने कहा है कि चंद्रयान-2 मिशन वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए मूल्यवान डाटा देने का काम करना जारी रखेगा। दक्षिण और मध्य एशिया के कार्यवाहक सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने कहा, ‘हम इसरो को चंद्रयान-2 पर उनके अविश्वसनीय प्रयासों के लिए बधाई देते हैं। यह मिशन भारत के लिए एक बड़ा क़दम है और यह वैज्ञानिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण डाटा देना जारी रखेगा।’
अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत अपनी अंतरिक्ष आकांक्षाओं को हासिल करेगा।’
नासा ने इसरो के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है, ‘अंतरिक्ष कठिन है। हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 मिशन को उतारने का आपके प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें अपनी यात्रा से प्रेरित किया है और हम भविष्य में हमारे सौर मंडल का पता लगाने के अवसरों के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।’
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रेंज से 23 जुलाई को जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के ज़रिए चंद्रयान-2 को छोड़ा गया था। लैंडर विक्रम शुक्रवार से 5 दिन पहले सैटेलाइट से अलग हो गया था, वह इतने दिन तक चंद्रमा के चक्कर लगा रहा था। वर्षों की तैयारियों और कई हफ़्तों के तनावपूर्ण इंतजार के बाद शुक्रवार की रात भारत को मायूस होना पड़ा। शुक्रवार की रात 1.55 पर चंद्रयान-2 के लैंडर को चाँद की सतह पर उतरना था और पूरा देश साँस थामे इसका इंतज़ार कर रहा था। लेकिन तय समय से कुछ देर पहले ही इसरो से चंद्रयान-2 का संपर्क टूट गया और वहाँ से संकेत आना बंद हो गया। इसरो ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जिस समय संपर्क टूटा लैंडर चाँद की सतह से सिर्फ़ 2.10 किलोमीटर दूर था और वह कुछ सेकंड बाद ही उतरने वाला था।
इसरो ने कहा कि 'विक्रम ने 'रफ ब्रेकिंग और 'फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।
बता दें कि यदि शनिवार को यह मिशन सफल होता तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश बन गया होता जिसने चंद्रमा पर सॉफ़्ट लैंडिंग कराई हो।
हालाँकि, अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने अभी तक लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने पर उम्मीद नहीं छोड़ी है, इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि यह प्रयास अगले 14 दिनों तक जारी रहेगा।