टीएमसी की माँग : प्रधानमंत्री संसद आएं, विपक्ष के सवालों के जवाब दें

03:00 pm Aug 08, 2021 | सत्य ब्यूरो

ऐसे समय जब पेगासस जासूसी मामले पर संसद में गतिरोध बना हुआ है, और मानसून ख़त्म 2021 होने को है, विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से माँग की है कि वे संसद आएं, विपक्ष की बातें सुनें और उनके सवालों के जवाब दें।

यह माँग ऐसे समय हो रही है जब इस मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ दो बार संसद गए हैं-सत्र के उद्घाटन के समय और नए मंत्रियों का परिचय कराते समय। बाकी समय वे ससंद में मौजूद नहीं रहे हैं, उसकी कार्यवाही में भाग नहीं लिया है, किसी सवाल का जवाब देने की तो दूर की बात है। 

विपक्ष ने भी पेगासस की जाँच कराने के मुद्दे पर सरकार को घेरा है और कई बार संसद की कार्यवाही में बाधा डाली है। विपक्षी दल पेगासस जासूसी मुद्दे पर सरकार से बहस की माँग कर रहे हैं और सरकार इससे कन्नी काट रही है। 

क्या है वीडियो में?

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट कर उसके साथ एक वीडियो अटैच किया है और उस पर लिखा है, 'मोदी जी, आइए, हमारी बातें सुनिए।'

इस वीडियो में संसद के मानसून सत्र 2021 के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं की कही बातों की क्लिपिंग लगाई गई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हुए देखे जा सकते हैं,

हम पिछले 14 दिनों से बहस की माँग कर रहे हैं, लेकिन आप उस पर बहस नहीं होने दे रहे हैं। आप विधेयक भी पारित करवा रहे हैं। यदि आप में साहस है तो अब बहस शुरू कर दीजिए।


मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा सदस्य, कांग्रेस

'बेमतलब की जासूसी'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चह्वाण भी इस वीडियो में हैं। वह कहती हैं, "यह सरकार लोगों की जासूसी बेमतलब के करवा रही है और पेगासेस जैसी विदेशी कंपनियों को ला रही है, लेकिन लोगों की बात नहीं सुन रही है।" 

राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा कहते हैं कि 'पेगासस हरेक के घर पहुँच चुका है, हमें इस पर बहस करनी ही है।' 

आम आदमी पार्टी के नेता सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि 

दिल्ली में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार हुआ, उसकी हत्या कर दी गई, पर सरकार इस पर बात तक करने को तैयार नहीं है।


सुशील कुमार गुप्ता, सांसद, आम आदमी पार्टी

किसानों का मुद्दा

कांग्रेस नेता देपिंदर सिंह हुडा ने कहा कि वे संसद में किसानों का मुद्दा ज़रूर उठाएंगे और उनका माइक बंद नहीं कर दिया गया तो बोलेंगे। 

सीपीआईएम ने सरकार पर 'लोकतंत्र चुराने' का आरोप लगाया है तो तृणमूल कांग्रेस के शुखेंदु शेखर राय ने कहा कि 'संसद में बोलने की आज़ादी होनी चाहिए।' 

बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ और यह अगले हफ़्ते 13 अगस्त को ख़त्म हो जाएगा। 

विपक्ष की रणनीति

इसके पहले संसद के मानसून सत्र में चल रहे जोरदार हंगामे के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नेताओं से नाश्ते की टेबल पर मुलाक़ात की थी।  इस बैठक में  18 विपक्षी दलों के नेता पहुँचे थे। इस बैठक में मानसून सत्र के बाकी बचे समय में विपक्ष की रणनीति और फ्लोर मैनेजमेंट पर चर्चा हुई थी। 

पिछले हफ़्ते भी पेगासस जासूसी मामले पर संसद के दोनों सदनों में ज़ोरदार हंगामा हुआ था। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसदों ने दोनों सदनों में इस मामले को उठाया और नारेबाज़ी की थी।

हंगामा बढ़ने पर लोकसभा और राज्यसभा को पहले दिन में कई बार और फिर दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा था। 

6 सांसद निलंबित

इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को राज्यसभा में टीएमसी के 6 सांसदों को हंगामा करने व नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया था। 

ये सभी सांसद पेगासस मामले में प्लेकार्ड लेकर वेल में आ गए थे। इन सांसदों में डोला सेन, नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर शामिल थे। 

विपक्ष का बयान

इसके पहले 18 विपक्षी दलों के सांसदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि वे पेगासस और किसान आंदोलन पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा चाहते हैं। 

उन्होंने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार संसद में कामकाज न होने के लिए विपक्ष को बदनाम कर रही है।

इस बयान में कांग्रेस से लेकर एनसीपी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी सहित कई दलों के सांसदों के नाम थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सांसदों की बैठक में कहा था कि सदन का न चलना संसद का, संविधान का और लोकतंत्र का अपमान है।