बांग्लादेश : मोदी ने किया ओराकांदी के मातुआ मंदिर का दर्शन, बंगाल पर नज़र?

01:14 pm Mar 27, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के ओराकांदी स्थित मातुआ समुदाय के मंदिर में दर्शन किया। मातुआ संप्रदाय के संस्थापक हरिचाँद ठाकुर ने इस मंदिर की स्थापना की थी। प्रधानमंत्री के साथ हरिचाँद ठाकुर के वंशज शांतनु ठाकुर भी गए हुए हैं। 

मातुआ समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल जाने और वहाँ दर्शन करने की घटना ऐसे दिन हुई है जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में मातुआ समुदाय के लगभग दो करोड़ लोग रहते हैं जो लगभग 60-70 सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने ओराकांदी में वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे हरिचाँद ठाकुर के चरणों में प्रणाम कर रहे हैं। 

नरेंद्र मोदी ने बार बार पश्चिम बंगाल के मातुआ समुदाय के लोगों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे ठाकुरनगर स्थित मातुआ मंदिर गए थे और बडो माँ के चरण स्पर्श किए थे। उन्होंने कहा कि बड़ो माँ ने उन्हें बहुत स्नेह व सम्मान दिया।

मोदी का पूरा जोर पश्चिम बंगाल के मातुआ समुदाय पर था। 

प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि भारत ओराकांदी में प्राथमिक कन्या विद्यालय को और उन्नत करेगा ताकि लड़कियों की शिक्षा को और ज़ोर मिल सके। उन्होंने कहा कि यह हरिचाँद ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। 

कोरोना वैक्सीन को हरिचाँद ठाकुर से जोड़ा

उन्होंने कहा कि हरिचाँद ठाकुर के आदर्शो पर चल कर ही बांग्लादेश व भारत के लोग बेहतर स्थिति में रह सकते हैं और दोनों में मैत्री और मजबूत हो सकती है। 

नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश को कोरोना टीका देने की बात की और इसे भी हरिचाँद ठाकुर से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हरिचाँद ठाकुर की प्रेरणा हमें हर स्थिति में आगे बढ़ना सिखाती है। महामारी फैलने पर ओराकांदी के लोगों ने प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया था और हमें इससे भी प्रेरणा मिली। 

काली मंदिर में पूजा की

नरेंद्र मोदी ने इसके पहले ढाका के नज़दीक ईश्वरीपुर गाँव स्थित प्राचीन यशोरेश्वरी काली मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, "यशोरेश्वरी काली मंदिर में पूजा कर अभिभूत हूँ।" इस दौरान उन्होंने समस्त मानव जाति के कल्याण की कामना की।

भारतीय प्रधानमंत्री ने माँ काली को एक मुकुट, साड़ी व अन्य पूजन सामग्रियाँ अर्पित कीं और मंदिर की परिक्रमा की। चांदी के इस 'मुकुट' पर सोने की परत चढ़ाई गई है। इसे एक पारंपरिक कारीगर ने तीन सप्ताह में बनाया। मोदी जब काली मंदिर पहुँचे, लोगों ने पारंपरिक तरीके से शंख बजाकर, तिलक लगाकर स्वागत किया।