भाजपा और अजीत पवार गुट वाली एनसीपी के बीच खिंचाव शुरू हो गया है। इस गुट को उम्मीद थी कि रविवार को मोदी मंत्रिमंडल में उनके सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन मोदी के दफ्तर से कहा गया कि राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार मिल सकता है। अजीत पवार गुट ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। देवेंद्र फडणवीस अब इस मुद्दे पर सफाई देते घूम रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह घटनाक्रम राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है।
डैमेज कंट्रोल के नाम पर मोदी कैंप की ओर से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सफाई पेश की है। फडणवीस ने कहा- “एनसीपी को सरकार में स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री का एक पद देने की पेशकश की गई थी। लेकिन वहां से बताया गया कि प्रफुल्ल पटेल पहले कैबिनेट मंत्री पद पर थे। इसलिए, वह स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री का पद नहीं संभाल पाएंगे।”
फडणवीस ने यह भी कहा कि कैबिनेट रैंक की एनसीपी की मांग को बाद में स्वीकार किया जा सकता है। उनका कहना था कि “जब गठबंधन के साथ सरकार बनती है, तो कुछ नियम तय किए जाते हैं, कई पक्ष होते हैं। एक पार्टी की वजह से नियमों को बदला नहीं जा सकता। लेकिन भविष्य में जब भी विस्तार होगा तो उन्हें एडजस्ट किया जाएगा।''
इस मुद्दे पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि “कल रात, हमें सूचना मिली कि हमें स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री पद मिलने जा रहा है। लेकिन चूँकि मैं पहले ही कैबिनेट मंत्री रह चुका हूँ, इसलिए मैं यह पद नहीं ले सकता क्योंकि यह डिमोशन (पदावनति) होगा। हमने भाजपा नेतृत्व को सूचित कर दिया। उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें।''
अजीत पवार अड़े
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने भी साफ कर दिया कि पार्टी कैबिनेट पद से नीचे नहीं मानेगी। एएनआई के मुताबिक उन्होंने अजीत पवार ने कहा, ''आज हमारे पास एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन अगले 2-3 महीनों में राज्यसभा में हमारे कुल 3 सदस्य होंगे और संसद में हमारे सांसदों की संख्या 4 होगी। हमें एक (कैबिनेट मंत्रालय) सीट दी जानी चाहिए।”
हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस घटनाक्रम से पहले एनसीपी (अजीत पवार) के नेता सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के बीच इस मुद्दे पर बहस हुई। सुनील तटकरे का प्रस्ताव यह था कि अगर प्रफुल्ल पटेल नहीं बन रहे हैं तो उन्हें मौका दिया जा सकता है। बताते हैं कि इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि फिलहाल हमारी पार्टी से कोई मंत्री नहीं बनेगा।
इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए एनसीपी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार का कहना है, ''जो लोग (अजित पवार) बीजेपी के साथ जाते हैं उनकी ताकत कम हो जाती है...बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि लोकसभा में उन्हें उससे कोई फायदा नहीं हुआ...प्रफुल्ल पटेल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है'' इन सबमें...अजित पवार के साथ सबसे चतुर व्यक्ति प्रफुल्ल पटेल हैं...।"
इससे पहले लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भी भाजपा और अजीत पवार गुट में खींचतान हो चुकी है। टिकट बंटवारे पर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) में भी काफी रस्साकशी हुई थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। कौन सी घटना कब बड़ी हो जाए, कहा नहीं जा सकता। प्रफुल्ल पटेल और अजीत पवार की गहरी छनती है। दोनों ने मिलकर शरद पवार की एनसीपी को तोड़ा था। इसलिए महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम और भी तेज होंगे।