बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद जैसी संस्थाएं भले ही पूरे देश में यह नैरेटिव तैयार कर रही हों को हिन्दू धर्म ख़तरे में है, केंद्र सरकार ने इससे इनकार किया है।
केंद्र सरकार ने हिन्दू धर्म को ख़तरे में होने की आशंका को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह काल्पनिक है, सच्चाई से इसका कोई वास्ता नहीं है और उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर हिन्दू धर्म को खतरे में होने की बात कही जाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे के एक आरटीआई सवाल के जबाव में यह कहा है। जबलपुरे ने गृह मंत्रालय से इसके सबूत माँगे थे कि हिन्दू धर्म ख़तरे में है।
क्या कहा गृह मंत्रालय ने?
गृह मंत्रालय के चीफ़ पब्लिक इनफॉर्मेशन ऑफ़िसर वी. एस. राणा ने जबलपुरे के आईटीआई आवेदन के जवाब में कहा कि वे वही जानकारी दे सकते हैं जो उनके पास है। उन्होंने आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि 'इस तरह के काल्पनिक सवालों का जवाब देना संभव नहीं है।'
जबलपुरे ने केंद्र सरकार का उत्तर मिलने के बाद 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' से कहा,
“
यह पहली बार हुआ है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिन्दू धर्म को ख़तरे में होने की बात को काल्पनिक माना है और कहा है उसके पास इसका कोई सबूत नहीं है।
मोहनीश जबलपुरे, सामाजिक कार्यकर्ता
केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह जवाब कई मायनों में बेहद अहम है और इसका राजनीतिक निहितार्थ भी हैं।
बीजेपी की मातृ संस्था कहा जाने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने कई बार यह कहा है कि हिन्दू धर्म ख़तरे में है और हिन्दू अपने ही देश में उपेक्षित हैं।
हिन्दू धर्म पर राजनीति
आरएसएस का मुख्य ज़ोर इस बात पर रहा है कि मुसलमानों की आबादी जिस तेज़ी से बढ़ रही है, उससे जल्द ही हिन्दू अल्पमत में आ जाएंगे और ऐसा होने से हिन्दू धर्म ही ख़तरे में पड़ जाएगा।
बीजेपी भी चुनावों के समय अमूमन हिन्दू-मुसलिम मुद्दे को उछालती रही है। उसके केंद्रीय स्तर तक के नेता मंच से यह कई बार कह चुके हैं कि हिन्दू धर्म ख़तरे में है।
ममता बेग़म?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुसलिम परस्त बताते हुए कहा था कि उनकी नीतियों की वजह से हिन्दू ख़तरे में हैं।
नंदीग्राम में ममता बनर्जी के ख़िलाफ चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 'ममता बेग़म' कह कर बुलाया था और कहा था कि उनकी वजह से पाकिस्तानी राज्य में सक्रिय हो गए हैं और हिन्दू ख़तरे में हैं।
यह दबाव इतना ज़ोरदार था कि ममता बनर्जी ने खुद को हिन्दू साबित करने के लिए मंच से गायत्री मंत्र का पाठ किया, जबकि पश्चिम बंगाल में राजनीति और धर्म को मिलाने की परंपरा नहीं रही है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव हारने के बाद बीजेपी के केंद्रीय नेताओं और प्रवक्ताओं ने कहा था कि राज्य के मुसलमान बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हो गए जबकि हिन्दू बंटे रहे और इस कारण बीजेपी हार गई।
उन्होंने यह भी कहा था कि यह पश्चिम बंगाल में मुसलमानों के बढ़ते राजनीतिक दबदबे का सबूत है और इससे हिन्दू धर्म ख़तरे में आ जाएगा, यह इसका सबूत है।
और अब केंद्र सरकार कह रही है कि हिन्दू धर्म के ख़तरे में होने की बात कोरी कल्पना है और उसके पास कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि वाकई हिन्दू धर्म पर कोई ख़तरा है।