जुलाई से लापता दो मैतेई किशोर छात्रों का कत्ल कर दिया गया। उनका फोटो सामने आने पर मणिपुर सरकार ने मंगलवार को कहा कि वो इस पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच कराएगी। दोनों छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। फोटो सामने के बावजूद दोनों छात्रों के शव अभी तक नहीं मिले हैं।
तस्वीर मे दोनों छात्र (17 वर्षीय और 20 वर्षीय) को एक सशस्त्र समूह के अस्थायी जंगल शिविर के घास वाले कैंपस में बैठे हुए दिखाया गया है। इनमें एक लड़की है और दूसरा लड़का है। लड़की सफेद टी-शर्ट में हैं, जबकि लड़का चेक शर्ट में, दिख रहे हैं। उनके पीछे बंदूकों के साथ दो आदमी खड़े साफ नजर आ रहे हैं। अगली फोटो में उनके शव जमीन पर पड़े दिख रहे हैं।
मणिपुर में कुकी महिलाओं की नग्न परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद यह दूसरा वीभत्स मामला है जो सामने आया है। कुकी महिलाओं की नग्न परेड का वीडियो भी एक महीने बाद ही सामने आ सका था। उन महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ और उनके परिवार के लोगों को उन्हीं के सामने भीड़ ने मार डाला।
इस मामले से लोगों की नाराजगी सोशल मीडिया पर दिखाई दे रही है। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि पुलिस को मामले को सुलझाने में इतना समय क्यों लगा। जुलाई में दोनों छात्र दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में दिखे थे, लेकिन उसके बाद उनका पता नहीं चल सका।
शव के पीछे खड़े दो हथियारबंद लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है। राज्य पुलिस के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब हम एडवांस फॉरेंसिक तकनीक का सहारा लेकर इनकी पहचान पता करने की कोशिश कर रहे हैं।
मणिपुर सरकार ने मंगलवार 26 सितंबर को कहा- "यह राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि दो छात्रों की तस्वीरें... जो जुलाई 2023 से लापता हैं, सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। राज्य के लोगों की इच्छा के अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है।"
सरकार ने कहा कि "राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से, उनके लापता होने के आसपास की परिस्थितियों का पता लगाने और दो छात्रों की हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से मामले की जांच कर रही है। सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।"
मणिपुर सरकार ने कहा कि वह दोनों छात्रों के अपहरण और हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ "त्वरित और निर्णायक कार्रवाई" करेगी। उसने जनता से शांति बनाए रखने और जांचकर्ताओं को अपना काम करने देने की अपील की।
पहाड़ी इलाके में रहने वाले कुकी जनजातियों और घाटी में रह रहे बहुसंख्यक मैतेइयों के बीच जातीय हिंसा 3 मई को शुरू हुई, जब मैतेइयों को अदालत ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा देने की सिफारिश की। इसके विरोध में कुकियों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद दोनों समुदायों में हिंसा शुरू हो गई। 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए। इस दौरान कुकी महिलाओं की नग्न परेड कराए जाने का वीडियो सामने आया तो पूरा देश दहल गया। राज्य सरकार का प्रशासन बेहद कमजोर साबित हुआ। मैतेई समुदाय के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह तमाम विवादों में घिर गए। केंद्र सरकार का संरक्षण उन्हें अभी भी मिला हुआ है। भाजपा शासित केंद्र सरकार उन्हें पद पर बनाए हुए है।