तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में आम आदमी और बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है।
बजट पर प्रतिक्रिया में उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट में ज़ीरो है। सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है - एक पेगासस स्पिन वाला बजट।'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा, 'बेहद निराशाजनक! ऐसा लगता है कि इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह आश्चर्यजनक रूप से निराशाजनक बजट है। जब आप भाषण सुनते हैं, तो मनरेगा का, रक्षा का, जनता के सामने आने वाली किसी अन्य ज़रूरी प्राथमिकताओं का कोई ज़िक्र नहीं होता।'
शशि थरूर ने आगे कहा, "हम भयानक मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं और मध्यम वर्ग के लिए कोई कर राहत नहीं है। यह एक ऐसा बजट है जो 'अच्छे दिनों' की मृगतृष्णा को और भी दूर धकेलता दिख रहा है। अब भारत 100 पर है, हमें 'अच्छे दिनों' के आने के लिए 25 साल और इंतज़ार करना होगा।"
तृणमूल कांग्रेस के ही नेता और सांसद डेरेक ओब्रायन ने बजट पर प्रतिक्रिया में कहा है, 'हीरे इस सरकार के सबसे अच्छे दोस्त हैं। बाकियों- किसान, मध्यम वर्ग, दिहाड़ी कमाने वाले, बेरोजगार- ये है पीएम केयर (नहीं) करने वाला बजट।'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के बजट को ज़ीरो बजट क़रार दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बजट में न तो वेतनभोगी वर्ग के लिए कुछ है और न ही मध्यम वर्ग के लिए। राहुल ने कहा है कि ग़रीबों और वंचितों के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है और युवाओं, किसानों व एमएसएमई के लिए भी कुछ प्रावधान नहीं किया गया है।