महाकुंभ भगदड़ः वीआईपी आवाजाही पर सवाल क्यों न हो, मौतों का जिम्मेदार कौन
महाकुंभ की वो तस्वीरें और वीडियो आपकी नजरों से गुजरी होंगे, जिनकी इस समय बहुत चर्चा है। एक वीडियो आया था, जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनका पूरा मंत्रिमंडल वहां स्नान करने गया था। संगम पर डुबकी लगाते मंत्री एक दूसरे पर पानी उछाल रहे थे, मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवा रहे थे। उस समय महाकुंभ में सारी भीड़ को रोक दिया गया था, क्योंकि वीआईपी लोग स्नान कर रहे थे। उसके बाद जब गेट खोले गये तो भीड़ टूट पड़ी। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआ।
Union home minister Amit Shah took bath at #Mahakumbh pic.twitter.com/Z6XSO8IM3q
— Rajeev Mullick 🇮🇳 (@rmulko) January 27, 2025
दूसरा वीडियो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उनकी पत्नी और उनके साथ आये लोगों का वायरल हुआ था। योगी आदित्यनाथ वहां मौजूद थे जो अमित शाह की पत्नी से एक साधु बाबा से आशीर्वाद लेने का इशारा कर रहे थे। अमित शाह के साथ सुरक्षा का पूरा लावलश्कर था और ये लोग भी अपने पाप धोने गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे थे। उस समय संगम पर किसी को स्नान की इजाजत नहीं थी। इनके जाने के बाद भीड़ टूट पड़ी। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआ। अब पीएम मोदी 5 फरवरी को इलाहाबाद स्नान करने जाने वाले हैं। वीआईपी इंतजाम की तैयारियां जोरशोर से जारी हैं।
सोशल मीडिया पर नज़र डालें तो पाएंगे कि असंख्य लोग अपनी बात कह रहे हैं और इस दर्दनाक घटना के लिए वीआईपी मूवमेंट या वीआईपी कल्चर को जिम्मेदार बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रयाग महाकुंभ में आम लोगों के लिए इंतजाम करने की बजाय वीआईपी लोगों की आवभगत में जुटी हुई है।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath along with his cabinet ministers take a holy dip in Triveni Sangam during the ongoing #Mahakumbh in Prayagraj #YogiAdityanath #UttarPradesh #MahaKumbh2025 #Prayagraj pic.twitter.com/zPv06qB2oF
— Moneycontrol (@moneycontrolcom) January 22, 2025
अधिकांश हिन्दू धार्मिक नेता प्रयागराज में सरकारी बदइंतजामी पर बोल नहीं पा रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो बोल रहे हैं। धार्मिक नेता प्रेमानंद पुरी ने इस त्रासदी के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वह वीआईपी लोगों की खातिरदारी में व्यस्त था।
Premanand Puri Reacts on Mahakumbh Mela Incident: ಕಾಲ್ತುಳಿತಕ್ಕೆ ಪ್ರೇಮಾನಂದಪುರಿ ಶ್ರೀ ಕಣ್ಣೀರು
— Republic Kannada (@KannadaRepublic) January 29, 2025
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उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “प्रशासन को महाकुंभ की तैयारियों की कोई परवाह नहीं थी। प्रशासन वीआईपी लोगों की सेवा में व्यस्त था। मैंने देखा कि महाकुंभ में जो भी वीआईपी शामिल हुआ, प्रशासन सिर्फ उनकी खातिरदारी में व्यस्त था, उसे कुंभ की किसी भी तैयारी की कोई परवाह नहीं थी।''
उन्होंने यह भी कहा कि यदि महाकुंभ का प्रबंधन भारतीय सेना को सौंप दिया जाता, तो यह त्रासदी टल जाती, ऐसा अनुरोध मेले में सभी अखाड़ों ने किया था। सभी अखाड़ों ने कहा कि कुंभ का प्रबंधन भारतीय सेना को सौंप दिया जाए, हमारे देश में निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोगों की कोई कमी नहीं है। अगर कुंभ को भारतीय सेना के हवाले कर दिया जाता तो मुझे नहीं लगता कि इतनी बड़ी त्रासदी होती. मैं बहुत, बहुत दुखी हूं।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भगदड़ के दौरान कम से कम 15 लोगों की जान चली गई और कई अन्य के घायल होने की आशंका है। बुधवार, 29 जनवरी की सुबह तड़के भगदड़ मच गई, जब बड़ी संख्या में लोग त्रिवेणी संगम पर 'शाही स्नान' में भाग लेने के लिए एकत्र हुए थे।
महाकुंभ न जाने वालों को गद्दार भी कहा गया
महाकुंभ में न जाने वालों को गद्दार भी कहा गया। बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने केंद्र से लेकर यूपी के सरकारी अमले को इस इवेंट को प्रचारित करने में लगा दिया। महाकुंभ धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक हो गया। महाकुंभ मेला स्थल के चप्पे-चप्पे पर मोदी और योगी की फोटो है। कई जगह तो योगी फोटो में भारी पड़ रहे हैं तो कहीं मोदी की फोटो की भरमार है। सत्संग और प्रवचन करके अरबों रुपये कमाने वाले धर्म गुरुओं ने भी इसके प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी। इस ट्वीट के साथ वीडियो में उनका बयान सुनिये। वो फरमा रहे हैं- "अगर आप महाकुंभ नहीं आएंगे तो आप देश के गद्दार हैं।"“If you won’t visit Mahakumbh, you are a traitor to the nation”
— Nehr_who? (@Nher_who) January 29, 2025
And if you do, you are on your own. Survive the crowd, the unbelievable fares, 20kms walk, the mismanagement, the stampede and what not. Who’s gonna tell this? pic.twitter.com/abxYIPaX9E
लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है- महाकुंभ में जो भयानक त्रासदी हुई, अगर वही पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड में हुई होती तो नोएडा के चैनल जवाबदेही तय कर रहे होते। इस्तीफा मांग रहे होते। अक्सर नोएडा के चैनलों पर जो करोड़ों रुपयों के विज्ञापनों की बाढ़ आती है, उसकी आड़ में तीर्थयात्रियों की दर्दनाक चीखें दब जाती हैं
आम लोग, जिनका कोई राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं है, पहले दिन से ही महाकुंभ में वीवीआईपी आवाजाही और आवभगत की शिकायत कर रहे थे। लेकिन न तो केंद्र की मोदी सरकार और न ही यूपी की योगी सरकार ने इसकी परवाह की। आज (बुधवार) भगदड़ के बाद चैनल बीजेपी का पीआर कर रहे हैं कि मोदी और योगी को कितनी चिंता है। जनता को बताया जा रहा है कि मोदी ने योगी को चार बार फोन करके सूचना मांगी। मोदी ने महाकुंभ सेना के हवाले करने को कहा। योगी ने टॉप अधिकारियों की बैठक बुलाई। ध्यान रखिये, यह सब दर्दनाक हादसे के बाद किया जा रहा है। हादसे से पहले ये सारी खबरें और पीआर नोएडा के गोदी चैनलों से गायब थे।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)