ऐसे समय जब भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं, बीजिंग ने अनुच्छेद 370 में बदलाव के मुद्दे को उठाया है और उसे अपनी संप्रुभता को चुनौती बताया है।
चीन के आधिकारिक थिंक-टैंक की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
चीन ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव चीन और पाकिस्तान दोनों की संप्रुभता को चुनौती है।
चीनी राजनयिक का विवादित ट्वीट
पाकिस्तान की राजधानी इसलामाबाद स्थित चीनी दूतावास के प्रेस अफ़सर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला। इस पोस्ट में एक लेख अटैच किया गया है। कई चीनी वेबसाइटों ने इसे शेयर किया है।प्रेस ऑफ़िसर वांग जियाफेंग ने ट्वीट (@wangxianfeng8) कर भारत पर आरोप लगाया है कि 'कश्मीर की स्थिति एकतरफा बदल कर भारत ने चीन और पाकिस्तान की संप्रुभता को चुनौती दी है, चीन-भार रिश्तों को पेचीदा बना दिया है।'
क्या है इस लेख में
उन्होंने जिस लेख को अटैच किया है, उसे चाइना इंस्टीच्यूट्स ऑफ कंटेपोरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस (सीआईसीआईआर) के उप निदेशक वांग शिदा ने लिखा है। यह संस्था चीन का थिंक-टैंक है और सीधे तौर पर आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसके अध्ययन का क्षेत्र मुख्य रूप से सुरक्षा है।वांग शिदा ने इस लेख में लिखा है कि पिछले साल अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के बाद जब पहली बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर बीजिंग गए थे, चीनी अधिकारियों ने बहुत ही कड़े शब्दों में यह मुद्दा उठाया था।
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'भारत का यह दुहरा आत्मविश्वास और भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व राजनीतिक आत्मविश्वास इसलिए है कि अमेरिका और कुछ पश्चिमी देश चीन के ख़िलाफ़ भारत सैद्धांतिक रूप से उकसाते रहते हैं।'
वांग शिदा, उप निदेशक, चाइना इंस्टीच्यूट्स ऑफ कंटेपोरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस
चीन क्यों है ख़फ़ा
वह इसके आगे यह भी लिखते हैं कि 'भारत अमेरिका का ख़ासमख़ास है, क्योंकि उसे अपनी ओर खींच ही नहीं लिया, बल्कि कश्मीर में हो रही ज़्यादतियों की ओर आँखें मूदें रहा।'याद दिला दें कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति ख़त्म करने के बाद लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साइ चिन को जल्द ही खाली कराया जाएगा।
सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों के घुस आने के लिए कहीं न कहीं नरेंद्र मोदी ज़िम्मेदार हैं सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का इस पर क्या कहना है।
क्या है अक्साइ चिन
अक्साइ चिन भारत और चीन के बीच के विवाद का मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर के इस हिस्से को चीन अपना बताता है, उसने इस पर कब्जा कर रखा है। फिलहाल वह उत्तर पश्चिमी चीन के शिनजियांग इलाक़े का हिस्सा है।
चीन ने 1954 में अंग्रेज़ों के जमाने में खींची गई सीमा मैकमोहन लाइन को मानने से इनकार कर दिया था। उसने इसके बाद अपना नया नक्शा जारी किया था, जिसमें अक्साइ चिन को चीन में दिखाया गया था। भारत ने 1959 में इस पर कड़ा विरोध किया था। उसी समय से विवाद चलता आ रहा है।
बाद में चीन ने उसका एक हिस्सा पाकिस्तान को लीज़ पर दे दिया, जिस पर कराकोरम हाई वे बनाया गया, जो चीन और पाकिस्तान को जोड़ता है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा इसी रास्ते शिनजियांग से निकल कर पाक-अधिकृत कश्मीर को जोड़ता है।