कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों ने अब जोरदार हुंकार भरी है। किसान 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ी ट्रैक्टर परेड निकालने जा रहे हैं। इससे पहले 7 जनवरी को इसका रिहर्सल कर किसान केंद्र सरकार को अपनी ताक़त दिखाएंगे। किसानों की इस ट्रैक्टर परेड की सोशल मीडिया में जोरदार चर्चा है।
महिलाओं को दी जा रही ट्रेनिंग
हरियाणा के कई जिलों में भारतीय किसान यूनियन की ओर से महिलाओं को ट्रैक्टर चलाना सिखाया जा रहा है जिससे वे ट्रैक्टर परेड में हिस्सा ले सकें। इससे पहले ये महिलाएं भी ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर 7 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली में भाग लेंगी। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार को 26 जनवरी तक इस मसले का हल निकालना ही होगा वरना गणतंत्र दिवस के मौके पर हालात बिगड़ सकते हैं।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे किसानों ने जबरदस्त हौसले का परिचय दिया है। भयंकर ठंड, बारिश के बाद किसान और मजबूती के साथ डट गए हैं। आने वाले दिनों में किसानों ने आंदोलन को तेज़ करने के लिए कई क़दमों का एलान किया है लेकिन 26 जनवरी को जब वे दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे तब सरकार के सामने निश्चित रूप से बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेन्स में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘7 जनवरी की यह ट्रैक्टर रैली दिल्ली के चारों कोनों से निकाली जाएगी। रैली सुबह 11 बजे से शुरू होगी और सिंघु, टिकरी, शाहजहांपुर, पलवल और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर तक जाएगी।’ बता दें कि इन सभी जगहों पर किसानों का आंदोलन जोर-शोर से जारी है।
किसानों के आंदोलन पर देखिए वीडियो-
हर गांव से ट्रैक्टर-ट्राली जाएंगी
‘द हिंदू’ के मुताबिक़, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रधान जोगिंदर नैन ने कहा है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए हर गांव से कम से कम 10 ट्रैक्टर ट्राली भेजी जाएंगी। इसके अलावा हर किसान परिवार से एक सदस्य इस परेड में भेजने के लिए कहा गया है। इसके लिए 10 जनवरी से किसान नेता हरियाणा के सारे गांवों में अभियान शुरू करेंगे किसान नेताओं ने कहा है कि इस तरह की ट्रैक्टर रैलियां पूरे देश भर में निकाली जाएंगी। इसके अलावा हरियाणा के कई टोल प्लाजा पर किसानों का आंदोलन जारी है।संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वे 7 से 20 जनवरी तक पूरे देश में ‘देश जागृति अभियान’ चलाएंगे। इसके साथ ही 18 जनवरी को महिला किसान दिवस और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर किसान चेतना दिवस मनाया जाएगा।
खाप पंचायतें विरोध में
इस बीच, हरियाणा की जींद जिले की 10 खाप पंचायतों ने एलान किया है कि वे बीजेपी-जेजेपी के नेताओं को बागंड़ इलाक़े में घुसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा है कि वे बीजेपी नेताओं के चौपाल कार्यक्रमों का विरोध करेंगे और अगर कोई नेता उनके गांव में आता है तो उसे काले झंडे भी दिखाएंगे। किसानों के आंदोलन को लेकर ऑल इंडिया किसान सभा के कार्यकर्ता लगातार गांवों में बैठकें कर रहे हैं और कृषि क़ानूनों के बारे में लोगों को बता रहे हैं।
बीजेपी-जेजेपी के लिए मुश्किल
किसान आंदोलन का असर हरियाणा और पंजाब में सबसे ज़्यादा है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के अलावा राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने एनडीए से अपनी राहें अलग कर ली हैं। अब दुष्यंत चौटाला पर जबरदस्त दबाव बना हुआ है। किसानों की सभाओं में बीजेपी के साथ ही जेजेपी के नेता दुष्यंत पर सरकार में बने रहने के कारण लगातार हमले किए जा रहे हैं।