पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी के एक पुराने बयान वाले वीडियो पर हंगामा मचा है। ऐसा इसलिए कि बीजेपी सरकार के क़ानून मंत्री किरण रिजिजू ने इसे साझा किया है और एक तरह से उनके बयानों के हवाले संकेतों में यह कहने की कोशिश की है कि कांग्रेस सरकार के वक़्त चीन से लगती सीमा क्षेत्र में सड़क-पुल जैसे बुनियादी ढाँचे नहीं बने और यह काम बीजेपी की मोदी सरकार कर रही है।
किरण रिजिजू वास्तव में क्या आरोप लगाते हैं या क्या कहना चाहते हैं, आप खुद पढ़, सुन और समझ सकते हैं। दरअसल, उन्होंने एके एंटनी के 2013 के एक बयान वाले वीडियो को ट्वीट किया है। उसमें उन्होंने लिखा है, 'क्या कोई राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को संसद का यह वीडियो दिखा सकता है? आजादी के बाद से ही कांग्रेस की नीति सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास करने की नहीं थी क्योंकि उनका मानना था कि यही सबसे अच्छी रक्षा नीति है! नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में नया भारत सीमावर्ती लोगों को बुनियादी ढांचा प्रदान कर रहा है।'
ऑर्गेनाइजर से जुड़े निशांत आज़ाद ने भी राहुल गांधी और एके एंटनी की एक तसवीर को ट्वीट करते एंटनी का कथन बताते हुए लिखा है, 'सबसे अच्छा बचाव सीमा का विकास नहीं करना है। विकसित सीमाओं की तुलना में अविकसित सीमा अधिक सुरक्षित है: संसद में 6 सितंबर, 2013 को कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी'।
ऐसे ही कई और लोगों ने उनके इस बयान को पेश किया है। तो सवाल है कि क्या यह सच है? क्या एके एंटनी यह कहते हैं कि 'सबसे अच्छा बचाव सीमा का विकास नहीं करना है, विकसित सीमाओं की तुलना में अविकसित सीमा अधिक सुरक्षित है।'? और किरण रिजिजू ने जो वीडियो साझा किया है और उसमें एंटनी जो बोलते सुने जा सकते हैं, क्या वही पूरा सच है, या फिर आधा-अधूरा सच है?
इसका जवाब तो आप खुद भी पा सकते हैं। लेकिन पूरा वीडियो देखने और सुनने के बाद ही पूरे सच का पता चल सकता है! दरअसल, किरण रिजिजू ने जो ट्विटर पर वीडियो साझा किया है वह पूरा वीडियो नहीं है। यानी उसमें एंटनी का पूरा बयान नहीं है। आधे-अधूरे बयान के मायने कुछ भी निकाले जा सकते हैं। मिसाल के तौर पर जैसा कि रिजिजू द्वारा साझा किए गए वीडियो में एंटनी यह कहते सुने जा सकते हैं, '...स्वतंत्र भारत की कई वर्षों से एक नीति है कि सीमा का विकास न करना सबसे अच्छा बचाव है। विकसित सीमा की तुलना में अविकसित सीमा अधिक सुरक्षित है। इतने वर्षों में सीमा क्षेत्रों में सड़कों, हवाई क्षेत्रों का निर्माण नहीं हुआ था, कुछ भी नहीं हुआ था।' वह आगे कहते सुने जा सकते हैं, 'उस समय तक चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने बुनियादी ढांचे का विकास करना जारी रखा। नतीजतन, वे अब हमसे आगे निकल गए हैं। हमारी तुलना में सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, क्षमता के लिहाज से वे आगे हैं। मैं इसे स्वीकार करता हूँ। यह इतिहास का एक हिस्सा है...।'
किरण रिजिजू द्वारा साझा किए गए इस वीडियो के आधार पर कोई भी यही निष्कर्ष निकाल सकता है कि कांग्रेस के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ और इसे खुद तत्कालीन मंत्री संसद में स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन क्या हो जब इसके एक अहम हिस्से को काट दिया गया हो। उस अहम हिस्से में वह कहते सुने जा सकते हैं कि "उनका (चीन का) बुनियादी ढाँचा भारत से बेहतर है। हम उनके बराबर आ रहे हैं। उसका भी एक इतिहास है। क्यों... स्वतंत्र भारत की कई वर्षों से एक नीति है कि सीमा का विकास न करना सबसे अच्छा बचाव है। विकसित सीमा की तुलना में अविकसित सीमा अधिक सुरक्षित है....।"
इस वीडियो में एंटनी के इस बयान का मतलब साफ़ है कि भारत का बुनियादी ढाँचा है लेकिन चीन आगे है और भारत उनके बराबर आ रहा है।
6 सितंबर 2013 के एंटनी के उस बयान को तब मीडिया ने भी कवर किया था। द इंडियन एक्सप्रेस ने तब ख़बर दी थी कि 'रक्षा मंत्री एके एंटनी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में सीमा के अपने हिस्से में बुनियादी ढाँचे को मज़बूत किया है और इससे दोनों पक्षों के बीच टकराव हो रहा है। हालाँकि, सभी मुद्दे शांतिपूर्वक सुलझा लिए गए हैं।' अख़बार ने 9 साल पहले तब ख़बर में लिखा था, 'रक्षा मंत्री (एके एंटनी) ने कहा है कि चूँकि पिछले 10 वर्षों में सीमा के भारतीय हिस्से में बड़ी मात्रा में ढांचागत विकास हुआ है, इसलिए चीन आशंकित है कि भारत भी बराबरी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन बुनियादी ढाँचे में बेहतर है, चाहे सीमा के उसके क्षेत्र में वे सड़कें हों या हवाई क्षेत्र और रेलवे।'