मणिपुर पर प्रधानमंत्री मोदी के नहीं बोलने पर विपक्ष और सरकार के बीच रस्साकशी जारी है। इस मुद्दे पर पीएम को बोलने के लिए मजबूर करने को कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई है। दूसरी तरफ राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है। राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर जबरदस्त हमला बोला। राहुल गांधी ने बुधवार को इसी तरह लोकसभा में पीएम मोदी और भाजपा पर हमला बोला था लेकिन खड़गे के हमले की भी गुरुवार को खासी चर्चा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा पर नियम 167 के तहत चर्चा हो और बहस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जाए। ट्रेजरी बेंच के विरोध के बीच खड़गे ने निशाना साधते हुए कहा- प्रधानमंत्री के आने से क्या होने वाला है, क्या परमात्मा है वो? ये कोई भगवान नहीं है>
”खड़गे ने सदन को बताया कि विपक्ष और सरकार नियम 167 के तहत चर्चा के लिए सहमत हो सकते हैं, जो "सार्वजनिक हित के मामले पर चर्चा" से संबंधित है।
खड़गे ने कहा कि “सदन के नेता मेरे कक्ष में आए और वह चाहते थे कि नियम 176 के तहत (मणिपुर पर) चर्चा हो, उन्होंने कहा कि हम पर्याप्त समय देंगे। हमारे पक्ष ने कहा कि आप (नियम) 267 से सहमत नहीं हैं, और हम (नियम) 176 से सहमत नहीं हैं। हम बीच का रास्ता निकालना चाहते हैं।''
उन्होंने कहा कि नियम 167 के तहत चर्चा कराने का प्रस्ताव आया था। उन्होंने कहा, “अब, इसमें समस्या क्या है? आप इस पर सहमत हुए। अब, सदन के बाहर, आप कुछ और कह रहे हैं।”
बहरहाल, मणिपुर मुद्दे पर गतिरोध को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर दोनों सदनों में जारी है। विपक्ष मणिपुर पर सदन में पीएम मोदी के बयान की मांग कर रहा है जबकि सत्ता पक्ष कह रहा है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उसने विपक्षी दलों पर सदन में बहस से भागने का भी आरोप लगाया है। पीएम मोदी गुरुवार शाम करीब 4 बजे लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निचले सदन में अपने अब तक के सबसे लंबे भाषण में मणिपुर पर विपक्ष के सवालों का विस्तृत जवाब दिया, साथ ही भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा।