दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए। ये नारे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से लिखे गए हैं। अभी तक खालिस्तान समर्थक नारे लिखने की घटनाएं पंजाब में हो रही थीं लेकिन अब दिल्ली में ऐसी घटना होने पर मामला गंभीर हो गया है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने कुछ कथित आतंकियों को पकड़ा था, जिनके संपर्क खालिस्तान मूवमेंट के नेताओं से पाए गए थे। दिल्ली पुलिस खालिस्तानी नारे लिखे जाने के बाद हाई एलर्ट पर है।
दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि दिल्ली के पश्चिम विहार में एक दीवार पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' और 'रेफरेंडम 2020' के नारों के साथ ग्रैफिटी दिखाई दी, जिसे अब हटा दिया गया है। पीआरओ सुमन नलवा ने कहा, यह सुरक्षा से संबंधित मुद्दा नहीं है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गणतंत्र दिवस समारोह में महज 6 दिन बचे हैं। ऐसे में इस तरह की घटना ने दिल्ली पुलिस की सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़ कर दिए हैं। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली पुलिस ने कई आतंकियों को पकड़ने का दावा किया और कहा कि गणतंत्र दिवस की सुरक्षा चाकचौबंद है। लेकिन खालिस्तान समर्थक नारे सरेआम दीवारों पर लिखे जाना गंभीर घटना है। अभी पुलिस के पास इस तरह का कोई सुराग नहीं है कि ये नारे किसी व्यक्ति विशेष ने लिखे हैं या फिर कोई ग्रुप है, जिसने इस तरह की हरकत की है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सिख फॉर जस्टिस खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखने की घटनाएं बढ़ रही हैं और कई बार इसके तहत हुई हरकतें कानून व्यवस्था को चुनौती देती नजर आती हैं। मई 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने का मामला सामने आया था। इन झंडों की संख्या करीब 5-6 थी। हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे एसएफजे आंदोलन कर रहा था। संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च 2022 को खालिस्तानी झंडा फहराएगा लेकिन भारी सुरक्षा के कारण वह ऐसा नहीं कर सका था। फिर उसने तिलमिला कर मई में खालिस्तानी झंडे लगा दिए।
इसके बाद जून 2022 में पंजाब के फरीदकोट जिले में एक सेशन जज के घर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लिखा गया है।
दिल्ली पुलिस गुरुवार को उन आपत्तिजनक नारों को मिटाती हुई।
एसएफजे ने कुछ दिनों पहले एक वीडियो जारी कर पंजाबी गायकों को धमकाया था। मूसेवाला की हत्या के बाद गुतपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि कोई नहीं जानता कि अगली गोली पर किसका नाम लिखा होगा। पन्नू ने कहा था कि पंजाब में खालिस्तान रेफरेंडम के लिए 6 जून से वोटिंग शुरू होगी और पंजाबी गायकों को इसमें भाग लेना चाहिए। पन्नू ने इस वीडियो के शीर्षक में ‘खालिस्तान का समर्थन न करने पर मौत सामने है’ लिखा था।
6 जून 2022 को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी करने वालों ने हाथों में अलगाववादी खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए थे और भिंडरावाले के समर्थन में नारे भी लगाए थे। इसके बाद उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था। पुलिस इस घटना के बाद कुछ नहीं कर पाई। फिर 13 जून को फिरोजपुर में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के कार्यालय के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे गए।
इस घटनाक्रम के बाद पंजाब की जालंधर पुलिस ने बताया कि 14-15 जून 2022 की दरमियानी रात को जालंधर में शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर के पास की दीवारों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लिख दिए। इस मामले में कोई आरोपी आजतक नहीं पकड़ा गया।
अभी हाल ही में 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया से खबर आई कि वहां मेलबर्न में एक हिंदू मंदिर, BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया। ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के दरवाजे और दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे हुए थे।