केरल सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन में छूट के मुद्दे पर कुछ ग़लतफहमी हुई थी। केरल सरकार की ओर से कुछ जगहों पर अतिरिक्त छूट दिए जाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी। मंत्रालय ने कहा था कि केरल सरकार का यह फ़ैसला केंद्र सरकार के निर्देशों को कमजोर करने जैसा है। लेकिन केरल सरकार ने अपनी बात साफ करते हुए कहा है कि कुछ ग़लतफहमी हुई थी और वह कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस जंग में केंद्र सरकार के साथ खड़ी है।
24 मार्च से लॉकडाउन पार्ट वन लागू किए जाने के बाद यह पहला मौक़ा है, जब लॉकडाउन को लेकर केंद्र और किसी राज्य सरकार के बीच इस तरह का गतिरोध देखने को मिला है।
19 अप्रैल को केरल सरकार को लिखे खत में गृह मंत्रालय ने कहा था कि रेस्तरां और किताबों की दुकानों को खोलना मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन है। केरल सरकार ने कस्बों में बसों को चलने की, दोपहिया वाहनों में पीछे की सीट पर बैठने और कार की पिछली सीट पर दो लोगों को बैठने की अनुमति दी है।
इसके अलावा केरल सरकार ने ऑड-ईवन फ़ॉर्मूले के तहत निजी वाहनों को चलाने की, सैलून को खोलने की भी अनुमति दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि देश के सभी राज्य केंद्र सरकार द्वारा तय क्षेत्रों और सेवाओं में ही छूट दें।