पत्रकार दानिश सिद्दीकी को एक बार फिर पुलित्जर सम्मान मिला है। बीते साल अफगानिस्तान में तालिबान और सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष में दानिश की मौत हो गई थी। दानिश को इस बार कोरोना के दौरान की गई उनकी कवरेज के लिए यह सम्मान मिला है।
इससे पहले साल 2018 में भी उन्हें रोहिंग्या शरणार्थियों के संकट के मामले में पुलित्जर सम्मान से नवाज़ा गया था।
दानिश के साथ ही अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को भी यह पुरस्कार दिया गया है। पत्रकारिता, किताबों, ड्रामा और संगीत के लिए सोमवार को पुलित्जर सम्मान का एलान किया गया।
दानिश भारत में रायटर्स के चीफ फोटोग्राफर के पद पर तैनात थे। उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था।
दानिश सिद्दीकी ने फोटोग्राफर के तौर पर दुनिया भर में कई बड़े मामलों को कैमरे के जरिए लोगों तक पहुंचाया था। अफगानिस्तान और इराक में युद्ध के अलावा हांगकांग में हुए जबरदस्त प्रदर्शनों और नेपाल में भूकंप के दौरान भी उन्होंने बेहतर काम किया था।
दानिश सिद्दीकी की मौत उस वक्त हुई थी जब वह अफगान सेना के साथ ही चल रहे थे और युद्ध की तस्वीरें ले रहे थे। उनकी मौत अफगानिस्तान के कंधार जिले के स्पिन बोल्डक शहर में हुई थी। उनकी मौत पर तालिबान ने अफसोस जताया था।