यौन उत्पीड़न: दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव प्रेमनाथ गिरफ्तार

06:16 pm Oct 06, 2022 | सत्य ब्यूरो

दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ को यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एवी प्रेमनाथ के खिलाफ उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने का आरोप है। एवी प्रेमनाथ के खिलाफ बलात्कार की कोशिश, आईटी एक्ट के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। 

यह घटना उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक की है। एवी प्रेमनाथ को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर उत्तराखंड में कई संगठन प्रदर्शन भी कर चुके हैं। 

दैनिक जागरण के मुताबिक, दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाली और वर्तमान में अल्मोड़ा के हवालबाग ब्लॉक की निवासी एक महिला अपनी नाबालिग बेटी को लेकर 3 सितंबर को अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह मर्तोलिया के दफ्तर पहुंची। 

अल्मोड़ा के एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने बताया कि नाबालिग ने उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न की पूरी घटना के बारे में एडीएम को बताया। घटना को सुनने के बाद एडीएम ने राजस्व पुलिस से इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा। इससे पहले नाबालिग की ओर से यौन उत्पीड़न की शिकायत पटवारी से की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। 

प्लीजेंट वैली फाउंडेशन स्कूल

खबरों के मुताबिक, एवी प्रेमनाथ और उसकी पत्नी आशा का अल्मोड़ा के डांडा-कांडा गांव में प्लीजेंट वैली फाउंडेशन एनजीओ के नाम से एक स्कूल है। स्कूल के परिसर में ही 4 महीने पहले नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया गया था। पुलिस ने कहा है कि वह इस मामले में और सुबूत इकट्ठा कर रही है। 

स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक, इस मामले में अल्मोड़ा की जिलाधिकारी वंदना ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एवी प्रेमनाथ के खिलाफ छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट के तहत मंगलवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

बुधवार को नैनीताल जिले के हल्द्वानी से एवी प्रेमनाथ को गिरफ्तार कर पुलिस रानीखेत ले गई और वहां कोतवाली में उससे पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस दौरान विभिन्न संगठनों से जुड़े कई लोग कोतवाली पहुंचे और नारेबाजी की।

अतिक्रमण की शिकायत

दैनिक जागरण के मुताबिक, एवी प्रेमनाथ के प्लीजेंट वैली फाउंडेशन स्कूल में अतिक्रमण की शिकायत सामने आई है और इस मामले में उन्हें नोटिस भी जारी किया जा चुका है। लेकिन उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में नाम सामने आने के बाद अब उनके अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। 

अंकिता भंडारी हत्याकांड

बताना होगा कि उत्तराखंड में बीते दिनों हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड की वजह से राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में जबरदस्त रोष है। अंकिता भंडारी की बीजेपी सरकार में दर्जा राज्यमंत्री रहे डॉ. विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। इसे लेकर पूरे उत्तराखंड में जोरदार प्रदर्शन हुए थे और बीजेपी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलकित आर्य के पिता और उनके बड़े भाई अंकित आर्य को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उनके बड़े भाई की ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष पद से भी छुट्टी कर दी गई थी।